कुशीनगर की तमकुही सीएचसी में कोरोना से निपटने का इंतजाम नहीं

कुशीनगर की तमकुहीराज सीएचसी में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की सरकारी तैयारी हवा हवाई साबित हो रही है विभाग का दावा है कि तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि अभी भी इस अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 08:10 PM (IST)
कुशीनगर की तमकुही सीएचसी में कोरोना से निपटने का इंतजाम नहीं
कुशीनगर की तमकुही सीएचसी में कोरोना से निपटने का इंतजाम नहीं

कुशीनगर : कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य महकमा तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है, लेकिन अभी तक दिख रही तैयारियां सीएचसी तमकुहीराज के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

बार्डर क्षेत्र के इस अस्पताल में बिहार के जनपद गोपालगंज से लेकर भोरे-कटेया तथा पंचदेवरी तक के लोग इलाज कराने आते हैं, जिसमें दुर्घटना के अलावा गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज भी होते हैं। यहां न तो पर्याप्त दवाएं हैं और न ही बच्चों के इलाज के लिए अलग से तैयारी ही है। हालांकि विभाग का दावा है कि सभी सुविधाओं से लैस करने की दिशा में कार्य हो रहा है। यहां आक्सीजन प्लांट की सुविधा नहीं है, 10 सिलिडर आक्सीजन के लिए रखे गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान होली के अवसर पर दूसरे प्रांतों से आए प्रवासी कामगारों के कारण समस्या बढ़ गई थी। यह लोग पंचायत चुनाव की की गणना तक रुके रहे। इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल का गांवों में खूब उल्लंघन हुआ, लिहाजा बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। उस समय आक्सीजन की किल्लत की वजह से अस्सी फीसद लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।

यहां दो माह से महिला चिकित्सक का पद रिक्त है। एमडी फिजिशियन, हड्डी रोग के विशेषज्ञ, एक्सरे तकनीशियन, ओटी असिस्टेंट आदि महत्वपूर्ण पद खाली हैं। ऐसे में कहीं से संभावित लहर से निपटने के इंतजाम नहीं दिख रहे हैं।

प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक वर्मा का कहना है कि अस्पताल में 10 आक्सीजन सिलिडर उपलब्ध है। दो कंसंट्रेटर भी शामिल हैं। अस्पताल परिसर में सभी कर्मचारियों का रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अभी से हर व्यक्ति जागरूक होना होगा।

सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने कहा कि सीएचसी को स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। इसके लिए निर्देशित किया गया है कि जहां जिन संसाधनों की जरूरी हो उसका प्रस्ताव बनाकर प्रभारी चिकित्साधिकारी भेजें। सभी वस्तुएं मुहैया कराई जाएंगी। बाद में किसी सुविधा के न होने की जानकारी मिलने पर संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

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