गधे पर घुमाने की धमकी देकर निकाह कराने वालों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई, पुलिस पर गंभीर आरोप Gorakhpur News
सोलह वर्षीय बालिका ने बताया कि प्रधान ने बाल मुड़वाकर गधे पर बैठाकर घुमाने की धमकी देकर उसका जबरन विवाह बीते तीन नवंबर की रात करा दिया। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
गोरखपुर, जेएनएन। संतकबीर नगर जिले के दुधारा थाना क्षेत्र की एक बालिका के जबरन निकाह कराने के मामले में पुलिस ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) को प्रस्तुत आख्या में न तो अभियुक्तों के नाम हैं और न ही तहरीर की प्रति संलग्न है। समिति के अध्यक्ष ने पुलिस को स्पष्ट आख्या प्रस्तुत करने के साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया है।
ये था मामला
समिति के अध्यक्ष अमित कुमार उपाध्याय और सदस्य सत्यप्रकाश गुप्त टीटू के समक्ष रोती-बिलखती पहुंची सोलह वर्षीय बालिका ने बताया कि उसका जबरन विवाह बीते तीन नवंबर की रात करीब ढाई बजे करा दिया गया। गांव के प्रधान और उसके सहयोगियों ने किशोरी को धमकी दी कि यदि वह विवाह के लिए तैयार नहीं हुई तो उसे नंगा करके, बाल मुड़वाकर, कालिख पोतकर गधे पर बिठाकर पूरे गांव में घुमाया जाएगा। इतना ही नहीं उसी रात किशोरी को जबरन गाड़ी में बिठाकर युवक के साथ भेज दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडब्लूसी ने दुधारा के थानेदार से आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
पुलिस ने तो कुछ भी नहीं किया
पुलिस ने इस मामले का अल्पीकरण कर दिया। नाबालिग के मामले में पास्को एक्ट के तहत मुकदमा होना चाहिए था। बालिका को जबरन ले जाने का भी मामला बनता है। महिला के अपमान का भी मामला है। इतने गंभीर मामले को पुलिस ने अपनी आख्या में जगह नहीं दी। इस मामले में कितने लोग आरोपी हैं, यह भी पुलिस ने नहीं बताया।
अब पुलिस अधीक्षक को लिखा जाएगा
सीडब्लूसी के अध्यक्ष अमित कुमार उपाध्याय ने कहा कि पुलिस की प्रस्तुत आख्या में झोल है। बाल विवाह प्रतिषेध का मामला अपने आप में अनूठा है। प्रदेश में बाल विवाह का मामला कम ही दर्ज होता है। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को नहीं समझा। इसलिए थानेदार को स्पष्ट आख्या के साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच का आदेश दिया गया है। यदि थानेदार ने तीन दिन के भीतर तहरीर के साथ आरोपियों का नाम नहीं दिया तो कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया जाएगा।