UP: बंद होगी रोडवेज की रात्रिकालीन बस सेवा, 40 फीसद से कम यात्री वाले रूटों पर नहीं चलेगी बसें
नई व्यवस्था के तहत परिवहन निगम ने बाइपास सेवा पर भी रोक लगा दी है। अब सभी बसें डिपो से होकर ही आगे के लिए रवाना होंगी। दरअसल ट्रेनों की तरह रोडवेज की बसों को भी यात्री नहीं मिल रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। 40 फीसद से कम यात्री मिलने वाले रूटों पर रोडवेज की बसें नहीं चलेंगी। रात्रिकालीन बस सेवा भी ठप कर दी जाएंगी। डिपो परिसर में खड़ी बसें भी माह के अंत में परिवहन विभाग में सरेंडर कर दी जाएंगी। ताकि, टैक्स बचाया जा सके। अभी तक 54 बसें सरेंडर की जा चुकी हैं।
माह के अंत तक सरेंडर कर दी जाएंगी डिपो परिसर में खड़ी बसें
नई व्यवस्था के तहत परिवहन निगम ने बाइपास सेवा पर भी रोक लगा दी है। अब सभी बसें डिपो से होकर ही आगे के लिए रवाना होंगी। दरअसल, ट्रेनों की तरह रोडवेज की बसों को भी यात्री नहीं मिल रहे हैं। गोरखपुर से लोकल रूटों (देवरिया, पडरौना, तमकुहीराज, महराजगंज, सोनौली व ठुठीबारी आदि) पर तो यात्री मिल भी जा रहे, लेकिन गोरखपुर से लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर और दिल्ली रूट पर यात्री नहीं मिल रहे। गर्मी में भी वातानुकूलित बसें भी खाली ही चल रही हैं। ऐसे में परिवहन निगम को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।
इतनी कम हो गई रोडवेज की आय
गोरखपुर परिक्षेत्र में जहां सामान्य दिनों में रोजाना एक करोड़ व उससे अधिक की कमाई हो रही थी, अब लगभग 30 से 35 लाख रुपये पर आकर सिमट गई है। यात्रियों की संख्या के साथ कमाई भी लगातार घट रही है। अधिकतर बसें डिपो परिसर में खड़ी हो गई हैं।
60 एसी बसों के संचालन पर रोक
परिवहन निगम ने गोरखपुर और राप्तीनगर डिपो की 60 एसी बसों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। जिसमें गोरखपुर डिपो की आठ और राप्तीनगर डिपो की 52 एसी बसें शामिल हैं। अब दोनों डिपो से यात्री मिलने पर सिर्फ सामान्य बसें ही चलाई जाएंगी। गोरखपुर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक केके तिवारी के अनुसार कोरोना के दूसरी लहर में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है।