Indian Railways: रेलवे की नई व्यवस्था, अब एमएसटी पर दूसरी ट्रेन में नहीं कर सकेंगे यात्रा
Indian Railways एमएसटी पर यात्रा करने वाले यात्री अब एमएसटी लेकर किसी भी ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकेंगे। जिस ट्रेन के लिए एमएसटी जारी रहेगा उसी में यात्रा करनी होगी। स्पेशल बनकर चल रही पैसेंजर ट्रेनों के लिए रेलवे बोर्ड ने एमएसटी के नियमों में बदलाव किया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अब मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) पर यात्रा करने वाले यात्रियों की मनमानी नहीं चलेगी। वे अपने मन से एमएसटी लेकर किसी भी ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकेंगे। जिस ट्रेन के लिए एमएसटी जारी रहेगा, उसी में यात्रा करनी होगी। स्पेशल बनकर चल रही पैसेंजर ट्रेनों के लिए रेलवे बोर्ड ने एमएसटी के नियमों में बदलाव किया है।
स्पेशल बनकर चल रही पैसेंजर गाड़ियों के लिए रेलवे बोर्ड ने बदला नियम
फिलहाल, यात्रियों की मांग को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी फिर से गोरखपुर सहित अन्य रेलमार्गों के लिए एमएसटी जारी करने को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। गोरखपुर सहित विभिन्न रूटों पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों की संख्या, यात्रियों की संख्या और आमदनी की समीक्षा शुरू हो गई है। जानकारों के अनुसार एमएसटी को लेकर मुख्यालय गोरखपुर ने लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल से भी सुझाव मांगा है। हालांकि, मंडल कार्यालय अभी एमएसटी जारी करने को लेकर सहमत नहीं है। उसका कहना है कि ट्रेनों में यात्रियों की संख्या सामान्य ही है। गोरखपुर-नरकटियागंज को छोड़ दिया जाए तो अन्य पैसेंजर ट्रेनों के लिए रोजाना 100 से 150 टिकट ही बुक हो रहे हैं। ऐसे में एमएसटी की बुकिंग से रेलवे को नुकसान ही उठाना पड़ेगा।
फिर से बुकिंग के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने शुरू किया मंथन, मंडल कार्यालयों से मांगा सुझाव
दरअसल, रेलवे बोर्ड ने एमएसटी की बुकिंग का अधिकार जोनल कार्यालय को दे दिया है। बोर्ड ने कहा है कि मांग के आधार पर जोनल स्तर पर निर्धारित ट्रेनों के लिए एमएसटी जारी किए जा सकते हैं। ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने एमएसटी की बुकिंग शुरू कर दी है। बगहा से गोरखपुर के लिए एमएसटी बुक होने लगे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में भी एमएसटी जारी करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पिछले साल लॉकडाउन से ही एमएसटी की बुकिंग पर रोक लगी है। अन्य सभी तरह के टिकट बिक रहे हैं।
यह भी जानें
अधिकतम 150 से 160 किमी तक का बनता है मासिक, त्रमासिक, छमाही व वार्षिक सीजन टिकट।
यात्रियों को किराए में 25 फीसद तक की रियायत मिलती है। रोजाना बुक नहीं करना पड़ा है टिकट
जन प्रतिनिधियों की पहल पर कामगारों को तो महज 25 रुपये में बन जाता है इज्जत मासिक टिकट।