कोरोना वायरस की जांच के लिए बाजार में पहुंची नई मशीन, स्क्रीन पर दिखेगा वायरस Gorakhpur News
कोरोना की एंटीजन किट से जांच सरकारी व निजी अस्पतालों में निश्शुल्क होती है। लेकिन यह किट सिर्फ 60 फीसद मरीजों में ही वायरस को पकड़ पा रही है। निजी अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरिया की कंपनी ने कोरोना जांच की एक नई मशीन लांच की है। मात्र सवा लाख रुपये की यह मशीन एंटीजन जांच ही करेगी, लेकिन उसकी रिपोर्ट किट से ज्यादा प्रामाणिक आएगी। किट से लाइनिंग देखकर संक्रमण का अंदाज लगाया जाता है, जबकि यह मशीन पूरा वायरस लोड बताएगी। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसे अप्रूव किया है। इससे निजी क्षेत्र में जांच सस्ती होगी।
एंटीजन किट से ज्यादा प्रामाणिक होगी इस मशीन की रिपोर्ट
कोरोना की एंटीजन किट से जांच सरकारी व निजी अस्पतालों में निश्शुल्क होती है। लेकिन यह किट सिर्फ 60 फीसद मरीजों में ही वायरस को पकड़ पा रही है। निजी अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गई है। ट्रूनेट या रीयल टाइम पालिमर चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) से जांच के लिए मरीजों का नमूना निजी पैथोलाजी में भेजना पड़ता है। वहां इसका शुल्क 1600 व 2000 रुपये है। ट्रूनेट मशीन नौ से 10 लाख रुपये के बीच आती है और उसका रैपिड कार्ड 1120 रुपये का है। यह नई मशीन मात्र सवा लाख रुपये की है और इसके रैपिड कार्ड की कीमत मात्र 500 रुपये है।
जांच की प्रामाणिकता 99.07 फीसद
एसडी बायोसेंसर कोरिया की कंपनी है। उसकी शाखा यहां गुडग़ांव में है। कंपनी ने स्टैंडर्ड एफ कोविड- 19 एजी मशीन बनाई है। इससे रैपिड कार्ड कोरोना की जांच हो सकेगी। कंपनी का दावा है कि वायरस को पकडऩे की इसकी क्षमता 93.1 फीसद है और जांच की प्रामाणिकता 99.07 फीसद है।
मशीन को आइसीएमआर ने एप्रूव किया है। इसकी जांच एंटीजन किट से ज्यादा प्रामाणिक है। इससे स्पष्ट पता चल जाता है कि वायरस लोड कितना है। - डा. रजनीकांत, प्लानिंग कोआर्डिनेटर, आइसीएमआर
यह मशीन बाजार में आ चुकी है। कोई भी व्यक्ति इस मशीन को अपने घर में लगा सकता है। रैपिड कार्ड के जरिये घर पर ही कोरोना की जांच की जा सकती है। - राजर्षि बंसल, सर्जिकल सामान के थोक व्यापारी