गोरखपुर में बनेगा नया औद्योगिक शहर, अंतरराष्ट्रीय फर्मों के साथ मिलकर गीडा तैयार कर रहा खाका Gorakhpur News

गोरखपुर के धुरियापार क्षेत्र में करीब 55 सौ एकड़ जमीन पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ अलग औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी चल रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर काम कर चुकी तीन फर्मों ने गीडा के अधिकारियों के समक्ष प्रजेंटेशन देकर अपनी योजना का ब्लू प्रिंट प्रस्तुत किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 11:55 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 11:55 AM (IST)
गोरखपुर में बनेगा नया औद्योगिक शहर, अंतरराष्ट्रीय फर्मों के साथ मिलकर गीडा तैयार कर रहा खाका Gorakhpur News
गोरखपुर में गीडा एक नया औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी कर रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जिले के दक्षिणांचल में स्थित धुरियापार क्षेत्र के विकास की ओर एक और कदम बढ़ गए हैं। यहां करीब 5500 एकड़ जमीन पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ औद्योगिक विकास की रूपरेखा जल्द ही तैयार हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर काम कर चुकी तीन फर्मों ने हाल ही में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के अधिकारियों के समक्ष प्रजेंटेशन देकर अपनी योजना का ब्लू प्रिंट प्रस्तुत किया है। इन्हीं में से एक फर्म को प्राधिकरण इस क्षेत्र के विकास के लिए जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) आधारित मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी देगा। 

चीनी मिल के आसपास होगा विकास 

धुरियापार चीनी मिल व आसपास की करीब 5500 एकड़ जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे बन रहे औद्योगिक गलियारे के दूसरे चरण के रूप में यहां विकास होना है। पहले चरण में गीडा क्षेत्र में करीब एक हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है। गीडा की ओर से धुरियापार को अगले 25 सालों में आने वाले बदलावों को ध्यान में रखते हुए विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसी के तहत विकास के लिए बड़ी कंसलटेंसी फर्मों को आमंत्रित करने के लिए निविदा निकाली गई थी। इसमें करीब 13 फर्मों ने आवेदन किया था लेकिन तकनीकी पहलुओं की जांच के बाद तीन को प्रजेंटेशन देने का अवसर दिया गया। शुक्रवार को रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज लिमिटेड, वोयंत्स साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड एवं टेक मेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की ओर से प्रजेंटेशन देकर विकास को लेकर अपनी योजना बतायी गई। कुछ दिन बाद वित्तीय बोली को खोला जाएगा और तकनीकी एवं वित्तीय बोली में प्रदर्शन के आधार पर किसी एक फर्म को विकास की रूपरेखा बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यहां भी सेक्टरवार विकास की योजना है। विकास की रूपरेखा बनाते हुए अगले 20 से 25 सालों में आने वाले बदलावों पर भी ध्यान रखा जाएगा। गीडा प्रबंधन की तैयारी है कि विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां यहां स्थापित हों। 

औद्योगिक गलियारे को विकसित करने में भी करेंगे मदद

गीडा से सटे बन रहे औद्योगिक गलियारे के प्रथम चरण के विकास में भी फर्म तकनीकी मदद करेगी। प्रजेंटेशन के दौरान इस बात पर भी चर्चा की गई। 

72 देशों में मास्टर प्लान तैयार कर चुकी हैं फर्में

प्रजेंटेशन देने वाली तीनों फर्मों को काफी बेहतर माना जाता है। अपने देश के अलावा तीनों ने दक्षिण अफ्रीका सहित करीब 72 देशों में विभिन्न परियाजनाओं के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। 

धुरियापार के विकास के लिए तीन फर्मों ने प्रजेंटेशन दिया है। इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित कराया जाएगा। जल्द ही एक फर्म का चयन कर लिया जाएगा। - संजीव रंजन, सीईओ गीडा

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