गोरखपुर में नए डीएम विजय किरण आनंद ने संभाला कार्यभार, बताईं प्राथमिकताएं

कार्यभार ग्रहण करने के बाद डीएम ने कार्यालयों के निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई पर ध्यान देने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी की उपस्थिति समय से होनी चाहिए। डीएम ने कहा कि किसी upभी पटल पर कोई भी फ़ाइल 72 घंटे से अधिक नहीं रुकनी चाहिए।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 02:24 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:07 PM (IST)
गोरखपुर में नए डीएम विजय किरण आनंद ने संभाला कार्यभार, बताईं प्राथमिकताएं
पत्रकारों से बात करते गोरखपुर के नए जिलाधिकारी विजय किरण आनंद, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नए जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बुधवार की सुबह कार्यभार ग्रहण कर लिया। सुबह 9.45 बजे ट्रेजरी पहुंचे नए डीएम ने चार्ज लिया और सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर परिचय प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को अनावश्यक न लटकाया जाय।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद डीएम ने कार्यालयों के निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई पर ध्यान देने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी की उपस्थिति समय से होनी चाहिए। डीएम ने कहा कि किसी upभी पटल पर कोई भी फ़ाइल 72 घंटे से अधिक नहीं रुकनी चाहिए। उसका जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवागत डीएम ने कहा कि जिले में चल रही विकास परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा कराना उनकी प्राथमिकता होगी। सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा। प्रयास होगा कि हर व्यक्ति को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों का मेरिट के आधार पर निस्तारण कराया जाएगा। अधिकारी मौके पर जाएंगे और जो सही स्थिति है, उसके अनुसार विवाद का निस्तारण करेंगे। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर ही राजस्व के मामले निस्तारित करने की कोशिश होगी। जिले में कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जाएगा।

रचनात्मक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं विजय किरण

नवागत जिलाधिकारी विजय किरण आनंद अपनी रचनात्मक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी विजय ने मेलाधिकारी के रूप में कुंभ 2019 को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया। उसके बाद महानिदेशक बेसिक शिक्षा के रूप में उन्होंने बेसिक शिक्षा में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। शिक्षकों की उपस्थिति एवं अन्य सेवाओं के लिए प्रेरणा एप लांच करने का श्रेय उन्हें जाता है। शिक्षकों के भारी विरोध के बावजूद इस व्यवस्था को लागू किया गया। बेसिक शिक्षा में कई महत्वपूर्ण सुधारों का श्रेय भी उन्हें जाता है। गोरखपुर में जिलाधिकारी के रूप में उनके कार्यभार संभालते ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों की सक्रियता बढ़ गई है।

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