सिद्धार्थनगर में विकास कार्यों में लापरवाही, नौ ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि

सिद्धार्थनगर जिले में विकास कार्यों में लापरवाही का बडा मामला सामने आया है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए नौ ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया है। साथ ही उनकी वेतन वृद्धि पर स्‍थाई तौर पर रोक लगा दी है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 01:25 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 01:25 PM (IST)
सिद्धार्थनगर में विकास कार्यों में लापरवाही, नौ ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि
सिद्धार्थनगर में विकास कार्यों में लापरवाही। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर जिले में गांवों के विकास कार्यों में लापरवाही और अनियमितता बरतने वाले नौ ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देश पर शिकायतों की जांच कराने के बाद कार्रवाई की गई है।

वेतन वृद्धि पर स्‍थाई तौर पर लगाई गई रोक

डीपीआरओ आदर्श ने जांच में मामले की पुष्टि होने पर सात ग्राम पंचायत अधिकारियों का एक वेतन वृद्धि स्थाई तौर पर रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। वहीं दो अधिकारियों का दो वेतन वृद्धि स्थाई तौर पर रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। डीपीआरओ ने बताया कि ग्राम पंचायत दसिया में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी अजय राय ने गांव में आवास दिलाने में अनियमितता बरती है। इसके लिए उनका एक वेतन वृद्धि रोकते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। धोबहा में तैनात विजय कुमार के खिलाफ विकास कार्यों में गड़बड़ी करने पर दो स्थाई वेतन वृद्धि रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि, रवि कुमार पर आवास निर्माण में अनियमितता बरतने पर एक वेतन वृद्धि पर स्थाई रोक के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। ग्राम पंचायत अधिकारी भनवापुर रामबेलास, डुमरियागंज में कार्यरत सैदुल्लाह और जोगिया में तैनात रविंद्र सिंह, डुमरियागंज के वृजेंद्र गुप्ता पर शौचालय निर्माण में लापरवाही पर एक स्थाई वेतन वृद्धि रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि देने की कार्रवाई की गई। जबकि खेसरहा ब्लाक के भूपतजोत में कार्यरत रामकवल यादव के खिलाफ दो वेतन वृद्धि पर स्थाई रोक के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि मिली है। लोटन में तैनात शीला पटेल के कार्यक्षेत्र से गायब रहने और मीङ्क्षटग में उपस्थित न होने पर वेतन वृद्धि रोकते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

बारिश की वजह से फिर बढऩे लगा जलस्‍तर, राप्ती के रौद्र रूप से घरों में कैद तटवर्ती गांव के लोग

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर जिले में दो दिन पहले राप्ती नदी के जलस्तर पर थोड़ी कमी आई तो ऐसा लगा कि शायद अब कुछ राहत मिल जाएगी, मगर तेज बारिश के बाद जलस्तर फिर से लगातार बढऩे लगा है। बाढ़ का तांडव ऐसा कि हजारों एकड़ फसल तो बर्बाद ही हुई, तटवर्ती क्षेत्र के गांवों में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। बहुत जरूरी हुआ तो पानी में घुसकर निकलना पड़ता है। दैनिक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए स्टीमर, नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।

फसल हुई बर्बाद, टूट गई सड़कें

किसानों के उम्मीदों तो खेतों में फसल सडऩे के साथ ही टूट चुकी हैं। सड़कों पर अधिक पानी होने के कारण लोग अपनी रोजमर्रा चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं। जहरीले जीव जंतु को दिन-रात खुले में विचरण करते देख लोग सहमें रहते हैं। सबसे बुरी स्थिति मरीजों की है। जिसकी भी तबीयत बिगड़ी उन्हें अस्पताल पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। तटवर्तीय लोगों में गागापुर निवासी रेहान अली व हसमुल्लाह ने बताया कि खेतों में रोपी कई कई दिनों से पानी में डूबी है। चारों तरफ सीवान में में पानी भरा है। फसल तो बर्बाद होनी तय है, मगर अगर जलस्तर में इसी प्रकार वृद्धि होती रही तो आबादी वाले इलाके में भारी तबाही तय हो जाएगी। जूड़ीकुइया निवासी राकेश और देवेश तिवारी ने बताया कि गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। शाहपुर-सिगारजोत मार्ग पर तीन फिट से अधिक पानी बह रहा है। यहां घरों से निकलना जान जोखिम में डालने के समान हैं। जहरीले जीव जंतु से भी किसी अनहोनी को लेकर लोग भयभीत रहते हैं।

राप्ती में समाया विद्युत पोल, अनहोनी की आशंका से परेशान हैं लोग

शाहपुर-सिगारजोत मार्ग पर गागापुर के पास कई विद्युत पोल लगे हैं, जिसमें से एक पोल राप्ती की तेज धारा के चलते नींव से उखड़कर नदी में गिर गया, बाकी के पोल भी झुके हुए है। कभी भी ये पोल नदी में समां सकते हैं। यदि एक-दो पोल और गिरे तो किसी बड़ी अनहोनी से इन्कार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इस मार्ग से बराबर लोगों का आवागमन बना रहता है। यही नहीं जिस प्रकार की नदी की धारा बह रही है उससे शाहपुर-सिगारजोत मार्ग के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। नदी से मार्ग की दूरी मात्र चंद कदम रह गई है। कब कटान होकर पूरी सड़क नदी में समाहित हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है।

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