गोरखपुर में कोरोना की जांच हुई नहीं, मिल गई निगेटिव की रिपोर्ट Gorakhpur News
शिवपुर सहबाजगंज में संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जांच किए बगैर ही उपकी निगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी गई है। रिपोर्ट भी एंटीजन नहीं बल्कि आरटी-पीसीआर। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जिन लोगों को बगैर किसी जांच के निगेटिव घोषित कर दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना का फैलाव रोकने में जिस कांटैक्ट ट्रेसिंग को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, सरकारी तंत्र उसकी ही बखिया उधेड़ रहा है। ताजा मामला शिवपुर सहबाजगंज का है जहां संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जांच किए बगैर ही उपकी निगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी गई है। रिपोर्ट भी एंटीजन नहीं बल्कि आरटी-पीसीआर। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जिन लोगों को बगैर किसी जांच के निगेटिव घोषित कर दिया, हो सकता है उनके जरिये कई अन्य लोग संक्रमित हो गए हों।
शहर के वार्ड नंबर 28 शिवपुर सहबाजगंज का। यहां रहने वाले पवन श्रीवास्तव को नौ अप्रैल को बुखार हुआ। पवन ने शिवपुर सहबाजगंज नगरीय चिकित्सालय इंद्रप्रस्थपुरम कालोनी में उसी दिन जांच कराई। एंटीजन जांच में रिपोर्ट पाजिटिव आयी तो पवन ने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया। 10 अप्रैल को कलेक्ट्रेट में बनाए गए कोविड कंट्रोल रूम से फोन आया। फोन करने वाले ने पवन से उनके संपर्क में आने वाले 10 लोगों का नाम पूछा। पवन ने हाल में संपर्क में आने वाले 10 लोगों के नाम बता दिए। सभी उनके पड़ोसी हैं। इनमें कुछ रेलकर्मी और कुछ सेवानिवृत्त अफसर शामिल हैं। कर्मचारी ने सभी का मोबाइल नंबर मांगा तो पवन ने असमर्थता जता दी। इसके बाद फोन कट गया।
12 अप्रैल को ही आ गई थी रिपोर्ट
पवन कहते हैं कि नौ अप्रैल को जब वह एंटीजन किट से जांच में पाजिटिव आए तो आरटी-पीसीआर जांच नहीं की गई। यह कहते हुए घर भेज दिया गया कि आइसोलेट रहें और 14 दिन बाद फिर जांच कराएं। यदि एंटीजन में रिपोर्ट निगेटिव आयी तब आरटी-पीसीआर जांच कराई जाएगी। वह घर आ गए और डाक्टरों की सलाह पर इलाज कराने लगा। कुछ दिनों पहले उन्होंने एंटीजन जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आयी। इसके बाद आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूना लिया गया। कोविड लैब रिपोर्ट पर अपनी रिपोर्ट देखने के लिए मोबाइल नंबर फीड किया तो कई रिपोर्ट देखकर चौंक पड़ा। दरअसल, मेरी रिपोर्ट के साथ ही 10 उन लोगों की भी रिपोर्ट थी जिनका नाम मैंने संपर्क में आने वालों के रूप में दिया था। किसी का मोबाइल नंबर नहीं दिया तो कर्मचारी ने सभी के नाम से साथ मेरा ही नंबर दे दिया।
इनकी जारी हुई है जांच रिपोर्ट
ध्रुव श्रीवास्तव, एके श्रीवास्तव, प्रेमचंद श्रीवास्तव, राजेश वर्मा, अनिल श्रीवास्तव, राजेश मिश्र, रामकिशुन, रमेश चंद शुक्ल, शिवप्रसाद आदि
हमारी तो कोई जांच ही नहीं हुई
पवन के मोबाइल फोन पर जिनकी जांच रिपोर्ट आयी है उनमें सेना से सेवानिवृत्त राजेश कुमार वर्मा भी हैं। राजेश से पूछा गया कि उन्होंने अपनी कोरोना की जांच कराई है तो वह खुद सवाल करने लगे कि कब। बताया गया कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट में वह निगेटिव आए हैं। राजेश का कहना था कि उन्होंने अब तक कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई है। दूरदर्शन केंद्र गोरखपुर से सेवानिवृत्त रमेश चंद्र शुक्ल बिना जांच रिपोर्ट आने की जानकारी मिलते ही चौंक गए। कहा कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। ऐसे में जांच के लिए नमूना देने का कोई सवाल ही नहीं है। इसी तरह ध्रुव श्रीवास्तव, प्रेमचंद श्रीवास्तव भी बिना नमूना दिए जांच रिपोर्ट आने से हैरान हैं। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर सहबाजगंज की प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. नीतू कुमारी मौर्या का कहना है कि मेरे केंद्र पर जांच होने के बाद पोर्टल पर नाम अपलोड कर दिया जाता है। मेरे यहां से कोई गलती नहीं हुई है। फोन डीएम कंट्रोल रूम से आया है तो गलती भी वहीं से हुई होगी।