नवरात्रि और रमजान एक साथ, एक तरफ देवी की आराधना- दूसरी तरफ तरावीह की नमाज Gorakhpur News

हिंदू नववर्ष के साथ मंगलवार से नवरात्र शुरू हुआ। मां के भक्त नौ दिनों तक व्रत रखेंगे। दूसरी तरफ बुधवार से रमजान माह की शुरुआत होगी। नवरात्र पर एक तरफ देवी की आराधना की जाएगी तो दूसरी तरफ रोजेदार तरावीह की नमाज अदा कर कोरोना से निजात की दुआ मांगेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:30 AM (IST)
नवरात्रि और रमजान एक साथ, एक तरफ देवी की आराधना- दूसरी तरफ तरावीह की नमाज Gorakhpur News
इस वर्ष नवरात्र व रमजान एक साथ शुरू हो रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोराेना महामारी के बीच एक ऐसा संयोग बन रहा है जिससे चाराें तरफ सद्भाव का संदेश फैलेगा। हिंदू नववर्ष के साथ मंगलवार से नवरात्र शुरू हुआ। मां दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक व्रत रखेंगे। दूसरी तरफ बुधवार से रमजान माह की शुरुआत होगी। नवरात्र पर एक तरफ देवी की आराधना की जाएगी तो दूसरी तरफ रोजेदार तरावीह की नमाज अदा कर कोरोना से निजात की दुआ मांगेंगे।

नमाज-ए-तरावीह की तैयारी शुरू

मंगलवार की शाम मस्जिदों से रमजान के चांद का एलान होते ही लोगों केे चेहरे पर खुशियां छा गई। लोगाें ने एक दूसरे को रमजान की मुबारक दी। इंटरनेट मीडिया पर भी बधाई का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। मगरिब की नमाज के बाद नमाज-ए-तरावीह की तैयारी शुरू हो गई। मस्जिदों में कोविड - 19 गाइडलाइन का पालन करते हुए सीमित संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। घरों और इबादतगाहों में कुरान की तिलावत की गई। घरों पर महिलाओं ने तरावीह की नमाज पढ़ी और दुआ मांगी। 

नाइट कर्फ्यू का भी असर

तरावीह के बाद लोग बुधवार से शुरु होने वाले रोजे की सहरी और इफ्तार की तैयारियों में जुट गए। रमजान के महीने में मुस्लिम बहुल इलाकों में आमतौर पर देर रात तक चहल-पहल रहती है, लेकिन नाइट कर्फ्यू की वजह से रात में सन्नाटा पसरा रहा। मौलाना मोहम्मद अहमद ने कहा कि रमजान के महीने का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार भी यह महीना कोरोना के साए में गुजरेगा। रोजेदार अपना अधिकतर समय इबादत में गुजारेंगे अौर ऊपर वाले से दुआ करेंगे कि जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति मिले।

14 घंटे आठ मिनट का होगा पहला रोजा

इस बार पहला रोजा करीब 14 घंटा 8 मिनट व अंतिम रोजा 14 घंटा 52 मिनट का होगा। गर्म हवाओं के बीच लोग रोजा रख अल्लाह को राजी करेंगे। पहले रोजे में सुबह 4:13 बजे सहरी का आखिरी वक्त और शाम 6:21 बजे इफ्तार किया जायेगा। आखिरी रोजे में सुबह 3:44 बजे सहरी का आखिरी वक्त और शाम 6:36 बजे इफ्तार होगा।

मास्क का करें प्रयोग

मौलाना जहांगीर अहमद ने कहा कि पाबंदी के साथ राेजा रखे, ज्यादा से ज्यादा कुरान की तिलावत करें। तरावीह की नमाज अदा करें। गुनाहों और गलत कामों से बचने की कोशिश करें। नमाज के एहतमाम के साथ-साथ कोरोना से बचाव के लिए सरकार की जो गाइडलाइन है उस पर अमल करें। मास्क लगाकर मस्जिद जाएं, साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

रोजा-इफ्तार का वक्त

इफ्तार

बुधवार शाम 6:21

सहरी

गुरुवार सुबह 4:12

नोट : शिया हजरात इफ्तार नौ मिनट बाद करेंगे और सहरी 14 मिनट पहले खत्म करेंगे।

मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

उधर, वासंतिक नवरात्र व्रत मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन श्रद्धालुओं ने घरों व मंदिरों में कलश स्थापना की। काली मंदिर गोलघर, दाउदपुर, कालीबाड़ी रेती चौक में श्रद्धालु पहुंचे। बड़ी संख्या में लोग बुढ़िया माई व तरकुलहा देवी मंदिर भी गए। श्रद्धालु नौ दिन व्रत न रहकर केवल दो दिन- पहले दिन व महाष्टमी को व्रत रहते हैं। महाष्टमी का व्रत 20 अप्रैल को है। महानिशा पूजा 19 अप्रैल को की जाएगी। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पं. नरेंद्र उपाध्याय ने दी।

chat bot
आपका साथी