कुशीनगर के छह गांवों में घुसा नारायणी का पानी, ढाई फीट तक कटा रोहुआ मार्ग

कुशीनगर जिले में लगातार हो रही बारिश के बीच बाढ़ ने दस्तक दे दी। नारायणी का जलस्तर बढ़ने से देर शाम खड्डा विकास खंड के छह गांवों में पानी उतर आया। घुटने तक पानी जमा होने के बाद सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों ने मचान तैयार किया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 09:02 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:02 AM (IST)
कुशीनगर के छह गांवों में घुसा नारायणी का पानी, ढाई फीट तक कटा रोहुआ मार्ग
बाढ़ के पानी से कटा रोहुआ पिच मार्ग। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : कुशीनगर जिले में लगातार हो रही बारिश के बीच बाढ़ ने दस्तक दे दी। नारायणी का जलस्तर बढ़ने से देर शाम खड्डा विकास खंड के छह गांवों में पानी उतर आया। घुटने तक पानी जमा होने के बाद सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों ने मचान तैयार किया। रोहुआ मार्ग ढाई फीट तक कट गया। छितौनी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने से उसके टूटने का खतरा खड़ा हो गया है। देर शाम प्रशासनिक टीम भी पहुंची और जायजा लेने के साथ ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की रणनीति तैयार की। समीपवर्ती दो दर्जन से अधिक गांवों में दहशत व्याप्त है।

खतरनाक स्तर तक पहुंच गया नदी का जलस्तर

सुबह नदी का जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ तो खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा। दिन के 12 बजे बाल्मीकि नगर बैराज के पानी का स्तर 183000 क्यूसेक आंका गया। अचानक उफनाई नदी का पानी महादेवा, सालिकपुर, शिवपुर, नारायणपुर, बसंतपुर, मरिचहवां आदि गांवों में उतर आया। घरों में पानी घुसता देख ग्रामीण चौकी और मचान पर भोजन बनाने व रहने की व्यवस्था में जुट गए। प्राथमिक विद्यालयों में लबालब पानी भर गया। रेता क्षेत्र के सरेह में पानी भर जाने से किसान अपनी फसलों को लेकर भी चिंतित दिखे। रोहुआ संपर्क मार्ग के कटने के कारण आवागमन को लेकर भी संकट खड़ा हो गया है। दूसरी ओर नदी के इस रुख से छितौनी तटबंध पर दबाव बनना शुरू हो गया है।

बैराज का डिस्चार्ज हो जाएगा 200000 क्यूसेक से ज्यादा

विभागीय अधिकारियों व जानकारों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि देर शाम तक बैराज का डिस्चार्ज 200000 क्यूसेक से ज्यादा हो जाएगा। तब स्थिति और खतरनाक हो जाएगी। एसडीओ राजेंद्र पासवान ने बताया कि फिलहाल इतने डिस्चार्ज से छितौनी तटबंध पर कोई खतरा नहीं है। हां यदि इसी तरह बुधवार को भी बारिश होती रही तो बैराज का डिस्चार्ज जरूर ढाई लाख क्यूसेक से भी ऊपर हो जाएगा।

इन गांवों पर है पूरी नजर

एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि जिन गांवों में पानी उतरा है, उन पर प्रशासनिक टीम की पूरी नजर है। स्थिति बिगड़ने पर ग्रामीणों को विस्थापित करने की भी तैयारी है। पूर्व में ही सुरक्षित स्थल की तलाश कर ली गई है। गांव पहुंचकर टीम स्थिति का जायजा ले रही है। रिपोर्ट के आधार पर कदम उठाया जाएगा।

अमवाखास बांध पर भी मंडराने लगा खतरा

नारायणी नदी में पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोत्तरी से जर्जर अमवाखास बांध के बरवापट्टी रिंग बांध को बचाने के लिए 800 व किमी वन पर पर बने स्पर पर दबाव बढ़ गया है। लक्ष्मीपुर के किमी 8.600 से लेकर किमी 900 तक दबाव के बावजूद विभाग को कोई खतरा नहीं दिख रहा। किमी 8.600 पर परियोजना कार्य में बोरी से बेस बनाया जा रहा था, लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हो पाया।

युद्ध स्तर पर हो रहा बचाव कार्य : एक्सईएन

सरकारी दावों के मुताबिक बाढ़ खंड के एक्सईएन एमके सिंह ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बचाव कार्य जारी है। बांध के संवेदनशील प्वाइंटस पर विभाग की पैनी नजर है।

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