कुशीनगर के कचहरी टोला में कटान कर रही नारायणी नदी, दहशत में लोग
कुशीनगर जिले के सेवरही में नदी के डिस्चार्ज में नौ हजार क्यूसेक की कमी दर्ज की गई और यह 1.52 लाख क्यूसेक पर आ गया लेकिन जलस्तर 75.40 मीटर पर स्थिर रहा। नदी खतरा के निशान महज 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : कुशीनगर जिले के सेवरही में नदी के डिस्चार्ज में नौ हजार क्यूसेक की कमी दर्ज की गई और यह 1.52 लाख क्यूसेक पर आ गया, लेकिन जलस्तर 75.40 मीटर पर स्थिर रहा। नदी खतरा के निशान महज 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। इससे तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में स्थित एपी बांध पर नदी का दबाव बदस्तूर कायम है। नदी बांध के किमी 17 अहिरौलीदान के कचहरी टोला में आबादी के हिस्से में कटान कर रही है। इसको लेकर ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ गई है।
बचाव कार्य में जुटा है बाढ़ खंड
बाढ़ खंड बचाव कार्य में जुटा है। एपी बांध के किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील है। नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप पर बचाव कार्य चल रहा है। बाढ़ खंड के एक्सईएन एमके सिंह ने बताया कि संवेदनशील स्थानों पर बचाव कार्य चल रहा है। कटान वाले क्षेत्र की सतत निगरानी की जा रही है, बांध पूरी तरह सुरक्षित है।
धान की फसल बर्बाद, मुआवजे की मांग
अतिवृष्टि के कारण क्षेत्र में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जल निकासी व्यवस्था न होने से किसान बर्बाद होती फसल को बचाने में नाकाम रहे। प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की है। क्षेत्र के खोखिया, सोडऱा, पकड़ी, जमुआन, तेलगांवा, बेदुपार, लोहझार सहित दर्जनों गांवों में अधिक बारिश के चलते जलभराव की समस्या कायम हो गई है। इससे रोपाई के बाद से ही धान की फसल पानी की चपेट में आ गई। परेशान किसान तहसील का चक्कर लगाते रहे, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया। लगभग डेढ़ माह तक खेतों में जलभराव की के चलते फसल बर्बाद हो गई। शंकर, लल्लन, महेश सहित सैकड़ों किसानों ने क्षतिपूर्ति की मांग की है।