नाचते-गाते भगवान गणपति को दी विदाई

गणेशोत्सव के अंतिम दिन रविवार को गणेश जी की प्रतिमा का विर्सजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 01:38 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 01:38 AM (IST)
नाचते-गाते भगवान गणपति को दी विदाई
नाचते-गाते भगवान गणपति को दी विदाई

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : गणेशोत्सव के अंतिम दिन रविवार को महानगर के अनेक स्थानों पर स्थापित भगवान गणपति की प्रतिमाओं की विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ श्रद्धालु नाचते-गाते गणपति के चरणों में अपनी आस्था व भक्ति अर्पित करते चल रहे थे। विभिन्न मागरें से यात्रा फोरलेन पुल पर पहुंची, पुल से श्रद्धालुओं ने गणपति को जयकारे के साथ राप्ती नदी में विसर्जित किया।

घासीकटरा में स्थापित मूर्ति की विसर्जन शोभायात्रा की शुरुआत प्रमुख व्यापारी संजय जायसवाल ने आरती करने के बाद रथ खींचकर की। यात्रा घासीकटरा से शुरू होकर मिर्जापुर, लालडिग्गी, खूनीपुर, बक्शीपुर, नखास, रेती, घटाघर, राजघाट, नौसढ़, बाघागाड़ा होते हुए पुल पर पहुंची। इसी प्रकार धर्मशाला बाजार, शाहपुर, सुमेर सागर, किराना मंडी, कच्ची बगिया, पांडेयहाता की मूर्तियां भक्ति व आस्था के साथ विसर्जित की गई। पूरे रास्ते श्रद्धालु नाचते-गाते अबीर-गुलाल उड़ाते चल रहे थे। भजनों के बोल के बीच 'गणपति बप्पा मोरया' का जयघोष गूंज रहा था। शोभायात्रा के साथ प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। देर शाम तक राजघाट, तिवारीपुर, निजामपुर, अलहदादपुर, बेतियाहाता, हासूपुर, मिया बाजार, आर्यनगर, माली टोला पुर्दिलपुर, छोटका पथरा खोराबार, तुर्कमानपुर, बिछिया, साहबगंज सहित कुल 33 मूर्तिया विसर्जित की जा चुकी थीं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी बल मौजूद था।

विसर्जन में शामिल श्रद्धालुओं का किया स्वागत

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी और इस्माईलपुर नौजवान कमेटी ने रविवार को संयुक्त रूप से नखास चौक पर गणेश प्रतिमा विसर्जन में शामिल श्रद्धालुओं का स्वागत किया। कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह और संयोजक हाजी कलीम अहमद फरजंद ने श्रद्धालुओं को गुलाब के फूल की पंखुड़ियां भेंट की।

अब्दुल्लाह ने कहा कि देश में सदियों से ¨हदू-मुसलमान साथ रहते आए हैं। यही हमारी परंपरा और तहजीब है। हमलोगों को इसे हमेशा बरकरार रखना है। पार्षद शहाब अंसारी ने कहा कि अमन को बरकरार रखने के लिए हम सभी को एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना चाहिए। संचालन मुर्तजा हुसैन रहमानी ने किया। इस दौरान हाजी अलकमा, शादाब सामानी, आबिद अली, आसिफ खान, सेराज सलमानी, हाफीज बदरूद्दीन, परवेज आलम, मेराज अहमद, ताबिश, सादिक कलीम, शाहरूख, साद, चन्दन, राजू, फिरोज अहमद, शब्बीर, लल्लन, फैज, अमान, फरमान, शारिक, मोनू आदि मौजूद रहे।

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