इस जिले में पीपीपी माडल पर चलेगा म्यूजिकल फाउंटेन, छह महीने तक नहीं देना होगा किराया

नगर निगम का म्यूजिकल फाउंटेन और फूड कोर्ट प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल से संचालित होगा। अनुबंध करने वाले को छह महीने तक एक रुपये भी किराया नहीं देना होगा। इसके बाद दो साल तक सिर्फ 25 हजार रुपये प्रति माह किराया देना होगा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 03:07 PM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 03:07 PM (IST)
इस जिले में पीपीपी माडल पर चलेगा म्यूजिकल फाउंटेन, छह महीने तक नहीं देना होगा किराया
पीपीपी माडल पर चलेगा म्यूजिकल फाउंटेन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : नगर निगम का म्यूजिकल फाउंटेन और फूड कोर्ट प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल से संचालित होगा। अनुबंध करने वाले को छह महीने तक एक रुपये भी किराया नहीं देना होगा। इसके बाद दो साल तक सिर्फ 25 हजार रुपये प्रति माह किराया देना होगा।

पोखरे को बना दिया गया था कूड़ेदान

नगर निगम परिसर में आकाशवाणी के सामने कभी बड़ा पोखरा हुआ करता था। देखरेख के अभाव में पोखरे को कूड़ादान बना दिया गया था। नगर निगम के अफसरों ने इसकी सफाई कर म्यूजिकल फाउंटेन की स्थापना कराई। पोखरे के बगल में नगर निगम ने स्टोर बनाया था। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने म्यूजिकल फाउंटेन को संचालित करने और पोखरे के बगल में खाली जगह पर फूड कोर्ट खोलने का निर्णय लिया। इसके बाद पोखरा और फूड कोर्ट के लिए प्रस्तावित स्थान का रंग-रोगन किया गया। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि नगर निगम को आय का अतिरिक्त जरिया बनाने और नागरिकों को गोलघर क्षेत्र में पर्यटन के लिए नई जगह देने के उद्देश्य से म्यूजिकल फाउंटेन व फूड पार्क का निर्माण कराया गया है।

शास्त्री चौक के पास है म्यूजिकल फाउंटेन

नगर निगम का म्यूजिकल फाउंटेन शास्त्री चौक के पास है। कलक्ट्रेट के दूसरे गेट के सामने से रास्ता है। फाउंटेन के बगल में नगर निगम का रानी लक्ष्मीबाई पार्क भी है। नगर निगम प्रशासन ने म्यूजिकल फाउंटेन संचालित करने का समय भी निर्धारित कर दिया है। गर्मी के दिनों में फाउंटेन शाम छह बजे से रात नौ बजे तक और ठंड के दिनों में शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक चलेगा।

कोरोना संक्रमण से बंदी तो नहीं देना होगा किराया

नगर निगम की शर्तों में कोरोना संक्रमण के कारण बंदी होने की स्थिति का भी जिक्र है। कहा गया है कि यदि लाकडाउन जैसी कोई बंदी होती तो इस अवधि का किराया नहीं लिया जाएगा।

हर दो साल बाद बढ़ेगा किराया

नगर निगम प्रशासन हर दो साल बाद किराया बढ़ाएगा। 10 वर्ष के लिए होने वाले करार में पहले छह महीने तक एक रुपये नहीं लिए जाएंगे। छह माह के बाद दो वर्ष तक 25 हजार रुपये प्रति माह, दो वर्ष छह माह बीतने के बाद अगले दो वर्ष के लिए 50 हजार रुपये प्रति माह, चार वर्ष छह माह बीतने के बाद अगले दो वर्ष के लिए 75 हजार रुपये प्रति माह, छह वर्ष छह माह बीतने के बाद अगले तीन वर्ष छह माह के लिए प्रति माह एक लाख रुपये देने होंगे।

chat bot
आपका साथी