भूमिहीन होने की वजह से मुसहरों को नहीं मिली आवास व शौचालय की सुविधा Gorakhpur News
कुशीनगर के अफसर चिराग तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रशासन मुसहरों को ढूंढ रहा है लेकिन सेवरही ब्लाक के जवहीं दयाल गांव के पात्र मुसहरों पर नजर नहीं पड़ रही है।
प्रमोद त्रिपाठी, गोरखपुर : कुशीनगर के अफसर चिराग तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। शासन की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रशासन मुसहरों को ढूंढ रहा है, लेकिन सेवरही ब्लाक के जवहीं दयाल गांव के पात्र मुसहरों पर नजर नहीं पड़ रही है। नारायणी के एपी बांध के स्पर पर मुसहरों का 24 परिवार किसी तरह जिंदगी काट रहा है। भूमिहीन होने की वजह से इन्हें न तो आवास की सुविधा मिल सकी, न शौचालय की। भूमि, भवन, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, शुद्ध जल जैसी बुनियादी सुविधाओं के बारे में इन्हें पता भी नहीं है। जवहीं दयाल गांव की कुल आबादी 6500 है, इसमें 4300 मतदाता हैं। गांव में नारायणी नदी के किनारे एपी बांध के स्पर मुसहर बिरादरी के गुरवचन, प्रभु, मन्नू, पारस, महेंद्र, प्रभु, बुद्धन, भोला, मैनेजर, संजय, गोरख, भरत, राधेश्याम, गाम्हा, छोटेलाल, मनोज, हरीलाल, गनेश, अकलू, अशोक, बूझन, अनिल, दुखन, हरीमती आदि का परिवार झोपड़ी डालकर रहता है। 21 परिवारों का अंत्योदय कार्ड बना है, चार वंचित हैं।
कोई अधिकारी नहीं देखने आया हमारी दशा
हरीलाल, गाम्हा, बच्चा और हरीमती ने बताया कि आज तक कोई अधिकारी हमारी दशा देखने नहीं आया। 40 वर्षों से खेतों में मजदूरी कर किसी तरह दोनों समय के भोजन का बंदोबस्त करते हैं। अनाज कम पड़ने पर गड्ढों से केकड़ा व घोघा इकट़ठा कर बच्चों का पेट भरते हैं। शासन का फरमान है कि भूमिहीन मुसहरों के लिए प्रशासन भूमि खरीदकर मुहैया कराएगा। हमारे पास अपनी भूमि होती तो सरकारी आवास व शौचालय की सुविधा मिल जाती। जब अधिकारी मुसहर बस्ती में आते हैं तो उनसे अपनी पीड़ा सुनाई जाती है। परिवार में सदस्यों की संख्या 250 है, सौ मतदाता हैं। चुनाव के समय प्रत्याशी वोट मांगने आते हैं, उसके बाद कोई पलटकर भी नहीं देखता।
इंडिया मार्का हैंडपंप भी खराब
शुद्ध जल मुहैया कराने के नाम पर एक इंडिया मार्क टू हैंडपंप लगवाया गया था, वह भी खराब पड़ा है। चार देसी हैंडपंप के भरोसे पानी की व्यवस्था होती है। भागीरथी देवी, सुनीता देवी, सीतम देवी, मैनेजर आदि ने कहा कि किसी भी परिवार में निश्शुल्क गैस व बिजली का कनेक्शन नहीं मिला है। प्राथमिक स्कूल दूर होने की वजह से बच्चे वहां नहीं जा पाते। ग्राम प्रधान रामाश्रय यादव ने बताया कि भूमिहीन होने के कारण मुसहर जाति के लोगों को शौचालय और आवास की सुविधा नहीं दिला पाए हैं। तहसील प्रशासन से कई बार कहने के बावजूद भी जमीन का बंदोबस्त नहीं हो सका।
तलाश की जा रही है भूमि
एसडीएम एआर फारूकी ने कहा कि गांव में बंजर की भूमि उपलब्ध नहीं है। मुसहर जाति के लोगों को उपलब्ध कराने के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। अंत्योदय कार्ड क्यों नहीं बना, इसे दिखवाया जाएगा।