गोरखपुर में हत्याओं ने पकड़ी रफ्तार, 50 फीसद मामलों में चार्जशीट दाखिल नहीं Gorakhpur News
बीते तीन माह में जिले में 30 से अधिक हत्याएं हुई हैं जबकि 1 जनवरी से 31 अगस्त तक 51 हत्याएं हुई हैं। हत्याओं की बढ़ती संख्या ने तो पुलिस के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। अपराधियों पर शिकंजा कसने में चार्जशीट(आरोप पत्र) की भूमिका अहम होती है। कानून के जानकारों का मानना है कि घटना का पर्दाफाश होने के बाद समय पर चार्जशीट दाखिल कर दी जाए तो तमाम बड़ी से बड़ी घटनाएं तो ऐसे ही रुक जाती हैं, लेकिन पुलिस के इसमें शिथिलता बरतने से अपराधियों को मौका मिलता है। लेकिन पिछले तीन माह में चार्जशीट दाखिल करने की गति बहुत धीमी है, जबकि हत्या की घटनाएं रफ्तार पकड़ चुकी हैं।
बीते तीन माह में जिले में 30 से अधिक हत्याएं हुई हैं, जबकि 1 जनवरी से 31 अगस्त तक 51 हत्याएं हुई हैं। हत्याओं की बढ़ती संख्या ने तो पुलिस के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। 30 में से करीब 50 फीसदी मामले ऐसे हैं, जिनमें पुलिस अभी चार्जशीट दाखिल ही दाखिल नहीं कर सकी है। कई में तो मुकदमे ही दर्ज नहीं हैं । दर्ज भी किया तो दूसरी धाराओं में। उदाहरण स्वरूप में हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के ग्राम बरयाबीर में भूमि विवाद में कुछ व्यक्तियों ने पीट-पीटकर कामता यादव की हत्या कर दी। बावजूद इसके पुलिस ने हत्या के बजाय दूसरी धाराओं मुकदमा दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली।
यहां तो एक भी मामले में नहीं लगी चार्जशीट
सहजनवां व गीडा थाना क्षेत्र में पिछले तीन माह में पांच हत्याएं हुई हैं। इसमें से दो हत्याएं तो नवंबर माह की हैं। लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी भी मामले में चार्जशीट नहीं दाखिल की है। इसके अलावा कैंपियरगंज थाना क्षेत्र में सितंबर माह में चाकू से गोदकर एक किशोरी की हत्या हुई थी। पीपीगंज थाना क्षेत्र में महिला रागिनी श्रीवास्तव की हत्या हुई थी। पुलिस ने दोनों ही मामलों में चार्चशीट दाखिल कर दी है।
शिक्षिका हत्या में अभी नहीं दाखिल हो सकी चार्जशीट
बीते 20 सितंबर को शाहपुर थाना क्षेत्र के बशारतपुर में बदमाशों ने गोली मारकर शिक्षिका डेविना मेजर की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्यारोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। बावजूद इसके अभी तक पुलिस चार्जशीट नहीं दाखिल कर सकी। पुलिस क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ रत्नेश ङ्क्षसह का कहना है कि जल्द की दस्तावेज मंगाकर इसमें चार्जशीट भेजा जाएगा। सर्किल क्षेत्र में इसके अलावा चार हत्याओं में चार्जशीट भेजी जा चुकी है।
मुकदमा ही दबाव में किया दर्ज, समय पर कहां जाएगा आरोप पत्र
चौरीचौरा थाना क्षेत्र के ग्राम राघवपुर में सितंबर माह में कुछ व्यक्तियों ने ग्रामवासी विजयी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दूसरे दिन गांव के तालाब में उसका शव मिला। मृतक की पत्नी चीख-चीखकर लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। बाद में एसएसपी के हस्तपक्षेप के बाद गांव के कुछ व्यक्तियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया। अभी तक चार्जशीट नहीं दाखिल हो सकी है। इतना ही नहीं, इसी सर्किल क्षेत्र के पिपराइच थाना क्षेत्र में एक युवक ने पीट-पीटकर अपने पिता की हत्या कर दी। यहां भी पुलिस ने हत्या के बजाय गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। अभी चार्जशीट नहीं दाखिल है। सीओ चौरीचौरा दिनेश ङ्क्षसह का कहना है कि चार्जशीट के संबंध में उनके पास स्पष्ट रूप से कोई जानकारी नहीं है।
अभी शिनाख्त ही नहीं, पर्दाफाश दूर की बात
पिपराइच थाना क्षेत्र में सप्ताह भर पूर्व हत्या करके एक महिला का शव झाडिय़ों में फेंक दिया गया। महिला की पहचान छिपाने के लिए उसे जलाया गया है। अभी तक तक उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। ऐसे में घटना का पर्दाफाश कैसे होगा, आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।