दो लाख खर्च कर हर महीने बचाएंगे 15 लाख Gorakhpur News
ऐसा होगा वाहनों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस लगाकर। आरएफआइडी लगाने से वाहनों में डाले जाने वाले तेल का पूरा रिकॉर्ड रहेगा और तेल की चोरी नहीं हो पाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम प्रशासन एक बार दो लाख रुपये खर्च कर हर महीने 15 लाख रुपये की बचत करेगा। ऐसा होगा वाहनों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगाकर। आरएफआइडी लगाने से वाहनों में डाले जाने वाले तेल का पूरा रिकॉर्ड रहेगा और तेल की चोरी नहीं हो पाएगी।
तेल चोरी रोकने के लिए हो रहा प्रयास
नगर निगम में कई बार तेल चोरी के मामले पकड़े गए हैं। तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा ने तेल चोरी करते हुए ड्राइवरों को रंगे हाथ पकड़ा था। तब नगर निगम में तेल की खपत में अप्रत्याशित रूप से कमी आयी थी। 85 लाख रुपये तक प्रति माह पहुंचने वाली तेल की खपत घटकर तकरीबन 50 लाख रुपये प्रति माह तक आ गई थी। तब से नगर निगम प्रशासन तेल की खपत की लगातार मॉनीटङ्क्षरग करता रहा है। हालांकि पिछले कुछ महीने में वाहनों की संख्या बढऩे के कारण तेल की खपत बढ़ी है। अफसरों का कहना है कि आरएफआइडी लगाने के बाद तेल बेच पाना संभव नहीं होगा इसलिए नगर निगम को प्रति माह कम से कम 15 लाख रुपये की बचत होगी। यानी साल में 1.80 करोड़ रुपये बचाए जा सकेंगे।
ऐसे रोकेंगे चोरी
नगर निगम प्रशासन इंडियन आयल के पेट्रोल पंपों से अपने वाहनों में तेल भराता है। करार के बाद पेट्रोल पंप का एक नाजिल नगर निगम के वाहनों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। इस नाजिल में आरएफआइडी लगा दी गई है। दूसरी डिवाइस नगर निगम के वाहन के तेल टैंक में लगाई जाएगी। डिवाइस में तेल की मात्रा फीड कर दी जाएगी। इसके बाद जब भी नगर निगम का वाहन पंप पर जाएगा तो पहले से निर्धारित मात्रा में ही तेल टंकी में जाएगा। इससे गैलन में तेल लेने या पंप पर ही तेल बेचने पर लगाम लग जाएगी।
नगर निगम में 250 से ज्यादा वाहन
नगर निगम में कूड़ा उठाने, कूड़ा गिराने, बुलडोजर, छोटे वाहनों की संख्या 235 है। इसके अलावा अफसरों के वाहन हैं। अफसरों के वाहनों को जोड़ लिया जाए तो नगर निगम में 250 से ज्यादा वाहन हैं।
आठ सौ रुपये होंगे खर्च
एक आरएफआइडी पर नगर निगम के तकरीबन आठ सौ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम प्रशासन ने इंडियन आयल को आरएफआइडी लगाने के लिए रुपये का भुगतान भी कर दिया है। नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि आरएफआइडी लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इससे वाहनों के लिए पहले से निर्धारित मात्रा में तेल टंकियों में जाएगा। गैलन में तेल लेने या पंप से कम तेल लेकर ज्यादा की पर्ची बनवाने पर रोक लग जाएगी। उम्मीद है कि इससे नगर निगम के तेल का गलत उपयोग नहीं होगा।