लापरवाही की दास्तां है मुक्ताकाशी मंच की बदहाली, मंच परिसर में झाड़-झंखाड़ Gorakhpur News
लापरवाही का आलम यह है कि परिसर में चहुंओर झाड़-झंखाड़ नजर आने लगा है। वहां कीड़े-मकोड़ों ने डेरा जमा लिया है। यदि अनुरक्षण को लेकर लापरवाही का सिलसिला कुछ दिन और चला तो यह मंच एक बार फिर पुरानी स्थिति में पहुंच जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। तारामंडल क्षेत्र में खुले आकाश तले बना बना प्रेक्षागृह एक बार फिर बदहाली का शिकार है। इस बार इसकी बदहाली की वजह गोरखपुर विकास प्राधिकरण है, जिसपर इसके संचालन और अनुरक्षण की जिम्मेदारी है। दरअसल जीडीए ने यह जिम्मेदारी ले तो ली लेकिन उसे निभाने को लेकर कोई संजीदगी उसकी ओर से नहीं दिख रही।
लापरवाही का आलम यह है कि परिसर में चहुंओर झाड़-झंखाड़ नजर आने लगा है। वहां कीड़े-मकोड़ों ने डेरा जमा लिया है। जमीन कई जगहों पर उखडऩे लगी है। यदि अनुरक्षण को लेकर लापरवाही का सिलसिला कुछ दिन और चला तो यह मंच एक बार फिर पुरानी स्थिति में पहुंच जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कराया था जीर्णोद्धार
इस मंच की स्थापना अबसे करीब 33 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने कराई थी। चूंकि रख-रखाव को लेकर कोई स्थायी व्यवस्था नहीं हुई, इसलिए यह पूरी तरह जर्जर हो गया। योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश की सत्ता संभाली तो उन्होंने इस मंच के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया। तीन करोड़ 89 लाख रुपये से उन्होंने इस मंच को नया स्वरूप भी दिला दिया। लेकिन जब इसके संचालन और अनुरक्षण की बात आई तो संस्कृति विभाग ने कर्मचारियों की कमी की समस्या बताते हुए जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया।
तीन माह पहले जीडीए को देखभाल की मिली थी जिम्मेदारी
जिला प्रशासन ने पहल की तो लंबी कवायद के बाद यह जिम्मेदारी जीडीए ने ले ली। आठ अगस्त 2020 को इसे लेकर संस्कृति विभाग और जीडीए के बीच करार हुआ। पर यह करार महज कागजी साबित हुआ। करार के बाद न तो जीडीए की ओर से इसके संचालन की पहल दिखी और न ही अनुरक्षण की। नतीजा एक बार फिर बदहाली के रूप में देखने को मिल रहा।
तीन करोड़ 89 लाख से हुए यह कार्य
सरकार की ओर से जीर्णोद्धार के लिए जारी हुए तीन करोड़ 89 लाख रुपये से मुक्ताकाशी मंच परिसर में दो वातानुकूलित विशिष्ट कक्ष, दो ग्रीन रूम और दो टायलेट ब्लाक का निर्माण कराया। प्रवेश के लिए चार गेट बनाए गए। मंच को सुरक्षित करने के लिए उसे बाउंड्री से घेरा गया। दर्शकों के लिए बनाई गई स्थायी टेबल को दुरुस्त किया गया। जीडीए सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि मुक्ताकाशी मंच के संचालन और अनुरक्षण के लिए जीडीए की ओर से टेंडर निकाला जा रहा है। यह जिम्मेदारी किसी कार्यदायी संस्था को सौंपी जाएगी। वह कार्यदायी संस्था जीडीए की शर्तों के तहत मंच परिसर का संचालन और अनुरक्षण करेगी।