भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, बुद्ध का अस्थि कलश कपिलवस्तु में स्थापित करे सरकार

सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज से सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा में भगवान बुद्ध के अस्थिकलश को कपिलवस्तु में स्थापित करने की मांग की। नियम 377 के तहत सांसद ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि भगवान गौतम बुद्ध की जन्मस्थली यही क्षेत्र है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:23 PM (IST)
भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, बुद्ध का अस्थि कलश कपिलवस्तु में स्थापित करे सरकार
सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज सांसद जगदम्बिका पाल। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज से सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा में भगवान बुद्ध के अस्थिकलश को कपिलवस्तु में स्थापित करने की मांग की। नियम 377 के तहत सांसद ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि भगवान गौतम बुद्ध की जन्मस्थली यही क्षेत्र है। जहां बौद्ध धर्म के मानने वाले लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आने में अपना सौभाग्य मानते हैं। कपिलवस्तु में पर्यटक आने के बाद वहां के इतिहास को जानने की जिज्ञासा रखते हैं। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना पिपरहवा कपिलवस्तु में की है।

कपिलवस्‍तु अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण स्‍थल

कोलकाता विश्वविद्यालय के समस्त खुदाई से प्राप्त वस्तुओं को उक्त संग्रहालय में रखा गया है, लेकिन यहां से खुदाई में प्राप्त दो अस्थिकलश वर्तमान समय में राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली में रखा हुआ है। जबकि गौतम बुद्ध ने जीवन के प्रारम्भिक 29 वर्ष कपिलवस्तु में ही व्यतीत किए थे, इसलिए बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए कपिलवस्तु अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है।

एक अस्थिकलश यहां पर हो स्थित

सांसद पाल ने कहा कि यदि एक अस्थिकलश वहां से राष्ट्रीय संग्रहालय पिपरहवा, कपिलवस्तु में स्थित कर दी जाय तो बौद्ध धर्म को मानने वाले लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष सारनाथ, कपिलवस्तु, कुशीनगर एवं श्रावस्ती के साथ वहां जाकर दर्शन कर सकेंगे, जिससे देश एवं प्रदेश को काफी विदेशी मुद्रा से राजस्व में वृद्धि होगी। ध्यान लगाना बुद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है, इसलिए बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए संग्रहालय के पास एक ध्यान केंद्र होना भी आवश्यक है।

गांव से भी बदतर हुई शहर की बिजली

बारिश का मौसम शुरू होते ही गर्मी के साथ उमस बढ़ गई है। इसके साथ विद्युत विभाग की कमियां भी उजागर होने लगी हैं। हल्की बरसात व हवा शुरू होते ही आपूर्ति ठप हो जाती है। पिछले तीन दिनों से गांवों से भी बदतर हालत में जनपद मुख्यालय को बिजली की आपूर्ति की जा रही है। एक घंटे तक लाइन होल्ड होना मुहाल हो गया है।

बुधवार से ही लड़खड़ा गई है आपूर्ति

जनपद मुख्यालय पर बुधवार से बिजली आपूर्ति लड़खड़ा गई है। देर शाम तक मुश्किल से दस से 12 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पाई है। विभाग का कहना है कि शहर में लगे पेड़ -पौधों की वजह से लाइन फाल्ट हो जा रही है। उसे ठीक करने के लिए कर्मचारियों को लगाया गया है। डुमरियागंज के औराताल क्षेत्र से जुड़े गांवों में लोकल फाल्ट, लो वोल्टेज व अघोषित कटौती हर किसी के लिए मुसीबत पैदा कर रही है। कहने को तो ग्रामीण अंचल में 18 घंटे का बिजली शेड्यूल चल रहा है, परंतु दस घंटे भी नियमित आपूर्ति नहीं मिल पा रही है।

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