गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में ज्यादातर वेंटीलेटर बंद, जानें-क्या है कारण Gorakhpur News
सरकारी अस्पतालों में एनेस्थेटिस्ट के अभाव में ज्यादातर वेंटीलेटर बंद हैं। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में 60 वेंटीलेटर हैं लेकिन एनेस्थेटिस्ट मात्र छह हैं। इस समय नान कोविड मरीजों की संख्या भी बहुत कम है इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं है।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में कुल 152 वेंटीलेटर हैं। जिसमें से 102 सरकारी अस्पतालों में हैं। लेकिन एनेस्थेटिस्ट की कमी से चल नहीं पा रहे हैं। पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीकू) में तैनात बाल रोग विशेषज्ञों को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है ताकि ब'चों को कोई दिक्कत न होने पाए।
एनेस्थेटिस्ट की कमी से संकट गहराया
सरकारी अस्पतालों में एनेस्थेटिस्ट के अभाव में ज्यादातर वेंटीलेटर बंद हैं। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में 60 वेंटीलेटर हैं लेकिन एनेस्थेटिस्ट मात्र छह हैं। इस समय नान कोविड मरीजों की संख्या भी बहुत कम है, इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं है। छह से आठ वेंटीलेटर ही चल पाते हैं। जिला अस्पताल में 25 वेंटीलेटर हैं और एनेस्थेटिस्ट की संख्या छह है। आपरेशन थियेटर में केवल दो वेंटीलेटर हैं जो संचालित हो रहे हैं। छह वेंटीलेटर एहतियात के तौर पर कोविड टीकाकरण केंद्र पर रखे गए हैं लेकिन वहां चलाने वाला एक भी नहीं है। 17 पीकू में हैं, जिनके लिए डाक्टर व स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित किया गया है। वे चल रहे हैं।
महिला अस्पताल के दोनो वेंटीलेटर बंद
जिला महिला अस्पताल में दो वेंटीलेटर हैं, दोनों बंद हैं। क्योंकि अस्पताल में दो एनेस्थेटिस्ट थे, दोनों की ड्यूटी कोरोना की रोकथाम में लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के पास नौ वेंटीलेटर हैं, सभी पीडियाट्रक केयर यूनिट में हैं। चार एनेस्थेटिस्ट हैं। लेकिन बाल रोग विशेषज्ञों व स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित कर वेंटीलेटर चलाए जा रहे हैं।
एनेस्थेटिस्ट की नियुक्ति की चल रही मांग
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि एनेस्थेटिस्ट की नियुक्ति की मांग भेजी गई है। उम्मीद है कि शीघ्र ही उनकी तैनाती हो जाएगी। फिलहाल बाल रोग विशेषज्ञों, स्टाफ नर्स व फिजिशियन को प्रशिक्षित कर वेंटीलेटर चलाए जा रहे हैं। इस समय मरीजों की संख्या भी बहुत कम है। इसलिए कोई दिक्कत नहीं है।