जंगल दीर्घन सिंह के आय माडल से सीखेंगे प्रदेश के और भी गांव Gorakhpur News

कुछ चुनिंदा गांवों के आय माडल को नजीर बनाकर अन्य गांवों को भी आय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। लखनऊ स्थित दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में कार्यशाला में इन गांवों के प्रतिनिधियों एवं सचिवों को आय का माडल प्रस्तु करने को कहा गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 09:10 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 09:10 PM (IST)
जंगल दीर्घन सिंह के आय माडल से सीखेंगे प्रदेश के और भी गांव Gorakhpur News
जंगल दीर्घन सिंह के आय माडल से सीखेंगे प्रदेश के कई गांव। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : सरकार ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए प्रदेश के कुछ चुनिंदा गांवों के आय माडल को नजीर बनाकर अन्य गांवों को भी आय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। लखनऊ स्थित दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित कार्यशाला में इन गांवों के प्रतिनिधियों एवं सचिवों को आय का माडल प्रस्तु करने को कहा गया है। इन गांवों में गोरखपुर जिले के पिपरौली ब्लाक का जंगल दीर्घन सिंह भी शामिल है। राज्य ग्राम्य विकास संस्थान की ओर से गोरखपुर के जंगल दीर्घन सिंह गांव के साथ महराजगंज के परतावल ब्लाक के तरकुलवा तिवारी, मथुरा के नगला हिमांऊ देह, बाराबंकी के नंदना कला, बरेली के मुडिया हाफिज के प्रतिनिधियों को अपने ग्राम पंचायत का आय माडल प्रस्तुत करने को कहा गया है।

जंगल दीर्घन में ऐसे होती है आय

जंगल दीर्घन सिंह के निवर्तमान प्रधान विवेक शाही बताते हैं कि प्रधान बनने के बाद उन्होंने ग्राम पंचायत की आय अर्जित करने का उपाय किया। पंचायत भवन पर फोटो कापी मशीन लगाई गई। वहां लगे कंप्यूटर से आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे अन्य दस्तावेजों को बनवाने के लिए आवेदन किया जाता है। इसके बदले न्यूनतम रकम ली जाती है। इसी तरह पीने के शुद्ध पानी के लिए वाटर एटीएम भी लगाया गया है। वहां से लोग पैसे देकर शुद्ध पानी लेते हैं। एक छोटा पोखरा है, वहां से भी आय होती है। बरात घर की बुकिंग से भी आय अर्जित की जाती है। इन माध्यमों से आने वाली आय को ग्राम पंचायत के खाते में जमा कर दिया जाता है। छह हजार रुपये से शुरू हुई आय अब 30 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है।

स्‍वयं की व्‍यवस्‍थाओं से आय अर्जित कर रहे कई गांव

जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने कहा कि कई गांव स्वयं की व्यवस्थाओं से आय अर्जित करते हैं। इसी तरह का गांव जंगल दीर्घन सिंह भी है। इस गांव के आय माडल को लखनऊ में आयोजित कार्यशाला में प्रस्तुत किया जाएगा।

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