कुशीनगर की फ्लाइट में बिहार के यात्रियों की संख्या अधिक
कुशीनगर एयरपोर्ट से शुरू हुई घरेलू उड़ान का सर्वाधिक लाभ बिहार के यात्रियों को मिल रहा है दिल्ली से आने वाली फ्लाइट में इनकी संख्या सर्वाधिक रह रही है आने और जाने वाली फ्लाइटों में 80 फीसद है बिहार के यात्री हैं इनमें गोपालगंज सिवान बगहा बेतिया के यात्री हैं।
कुशीनगर : अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से शुरू हुई घरेलू उड़ान में बिहार के यात्रियों की सर्वाधिक संख्या देखी जा रही है। दूसरे दिन रविवार को दिल्ली-कुशीनगर व कुशीनगर-दिल्ली की फ्लाइट में बिहार के गोपालगंज, सिवान, बगहा, बेतिया जिले के लगभग 80 फीसद यात्री शामिल रहे।
बिहार सहित पूर्वांचल के कुशीनगर, देवरिया व महराजगंज, बलिया के यात्रियों ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी। बिहार के सिवान निवासी यात्री सुमित सिंह, गोपालगंज के ऋषिकेश पांडेय आदि यात्रियों ने इसे काफी सुविधाजनक बताया। एयरपोर्ट की स्थापना के साथ ही यह चर्चा थी कि यहां से पूर्वी यूपी के जिलों के साथ साथ पश्चिम बिहार के लोगों के लिए काफी मुफीद साबित होगा।
एयरपोर्ट पर उतरे और पैदल चल दिए घर
कसया क्षेत्र के गांव पतयां के निवासी रिकू कुमार विमान से दिल्ली से कुशीनगर पहुंचे। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पैदल ही घर के लिए चल दिए। कहा कि पहले महानगरों की हवाई यात्रा गोरखपुर या लखनऊ से होती थी। अब तो अपने गांव का एयरपोर्ट चालू हो गया है। एयरपोर्ट से चंद कदम की दूरी पर गांव है। इसलिए पैदल घर जाने का आनंद उठा रहा हूं।
लीथियम की बैट्री से रोशन होंगे सोलर लैंप
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में पर्यटकों की सुविधा के लिए बुद्ध मंदिर मार्ग के किनारे लगाए गए सोलर लाइट अब लीथियम बैट्री से रोशन होंगे। स्वदेश दर्शन योजना के तहत इसे लेकर पहल शुरू की गई है।
पर्यटकों की सुविधा के लिए लगभग 16 लाख रुपये की लागत से बुद्धस्थली में मंदिर मार्ग के किनारे 83 सोलर लैंप लगाए गए थे। इसमें बुद्धद्वार से रामाभार स्तूप तक 64, पर्यटन पार्किंग में 10, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पार्किंग में छह और होटल पथिक निवास में तीन सोलर लाइटें लगी हैं।
उत्तर प्रदेश पर्यटन ने इसे नगर पालिका कुशीनगर को सितंबर 2019 में हैंडओवर कर दिया। वर्तमान में अनेक पोस्ट की बैट्रियां गायब हो गई हैं, तो कुछ खराब हैं। इससे अंधेरा छाया रहता है और पर्यटकों को असुविधा होती है। पर्यटक सूचना अधिकारी राजेश कुमार भारती ने बताया कि नगर पालिका प्रशासन को सोलर लैंप में लीथियम की फिक्सड बैट्री लगाने का निर्देश दे दिया गया है। साथ ही यहां तैनात पर्यटक पुलिस को भी इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है।
लीथियम की बैट्री के यह हैं फायदे
लीथियम की बैट्री के कई फायदे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि लीथियम की बैट्री अन्य बैट्रियों की अपेक्षा पतली होती है, जो सोलर में फिक्स रहेगी। इससे इसकी चोरी नहीं हो सकती। इसके अलावा इसे एक हजार बार से अधिक चार्ज किया जा सकता है।