श्रीरामकथा : मोरारी बापू ने कहा, भगवान बुद्ध निर्वाणदाता नहीं मार्गदाता थे
कथावाचक मोरारी बापू ने श्रीरामकथा के चौथे दिन सबसे बड़े सनातन वेद ऋग्वेद का निर्वाण उपनिषद एक भाग बताते हुए उसके सूत्रों की विस्तार से व्याख्या की। बापू ने कहा कि उपनिषद का अर्थ होता है निकट बैठना।
कुशीनगर, जेएनएन। कुशीनगर में प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने श्रीरामकथा के चौथे दिन मंगलवार को सबसे बड़े सनातन वेद ऋग्वेद का निर्वाण उपनिषद एक भाग बताते हुए उसके सूत्रों की विस्तार से व्याख्या की। बापू ने कहा कि उपनिषद का अर्थ होता है निकट बैठना। विद्वान व पण्डित शास्त्रों व मंत्रो का अपनी शैली में अनुवाद करते हैं, लेकिन साधु अनुनाद करता है। जो बोला जाए वह मन में प्रतिष्ठित हो और जो मन में हो वो बोलने में प्रतिष्ठित हो यह सीधा अनुनाद है।
निर्वाण उपनिषद का आरम्भ शांति मंत्र से होता है
उन्होंने कहा कि अनुवाद में विरोध हो सकता है, लेकिन अनुनाद में कभी विरोध नहीं हो सकता। वेद के अनुनाद से अंतःकरण पवित्र हो जाता है। निर्वाण उपनिषद का आरम्भ शांति मंत्र से होता है। निर्वाण रूप वह है जिसका देवता निर्वाण है। जो हमें संयोग करा दे वही निर्वाण पुरुष है। संयोग दीक्षा है तो वियोग उपदेश है। विवेक से सत्संग मिलता है। करुणा जिसकी क्रीड़ा है वह निर्वाण है। निर्वाण रूप परम तत्व की माला है। निर्वाण रूप की भीक्षा अकल्पित होती है। यह परम तत्व का लक्षण है। बापू ने कहा कि धैर्य का फल मीठा होता है। धैर्य रखना कठिन होता है।
जो संस्कार बांध दे वह संस्कार नहीं विकार है
जो दूसरों की निंदा से मुक्त हो जाय वही जीवन मुक्ति है। जिसने माया, ममता और अंहकार जलाकर राख दिया हो वह निर्वाण रूप व्यक्ति का लक्षण है। परमात्मा का क्रोध भी निर्वाण प्रदान करता है। बुद्ध पुरुष भ्रांतियों को दूर करता है। धर्म बुद्ध होने के लिए है न कि युद्ध के लिए। जो संस्कार बांध दे वह संस्कार नहीं विकार है। बुद्ध ने भी अपने को मोक्ष दाता नहीं बल्कि मार्गदाता बताया है। गुरु से ऊंचा परम तत्व नहीं। महादेव से बड़ा कोई देव नहीं और अघोर मंत्र से बड़ा कोई मंत्र नहीं। आशीर्वाद तसल्ली देता है जबकि कृपा क्रान्ति। मिलन से ज्यादा वियोग में आनन्द है। बापू ने कहा कि रामकथा चंद्रमा के किरणों के समान है। कथा नूतन स्वाद है। कथा में रोज नूतनता होती है।
मोरारी बापू ने किया ध्वजारोहण
मोरारी बापू ने 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कथा परिसर में ध्वजारोहण किया। उन्होंने समस्त लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।