धनराशि उपलब्ध, नहीं खरीदा जा सका विद्यालयों में फर्नीचर

3.57 करोड़ रुपये से परिषदीय विद्यालयों में खरीदा जाना है डेस्क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 09:30 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 09:30 PM (IST)
धनराशि उपलब्ध, नहीं खरीदा जा सका विद्यालयों में फर्नीचर
धनराशि उपलब्ध, नहीं खरीदा जा सका विद्यालयों में फर्नीचर

संतकबीर नगर : परिषदीय विद्यालय में बच्चों के लिए अभी तक डेस्क-बेंच नहीं उपलब्ध हो सके हैं। सरकार परिषदीय के विद्यालयों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर विकसित करना चाहती है, लेकिन जिम्मेदार इसमें रुचि नहीं ले रहे। शासन से जिले के 1247 विद्यालयों में से 326 विद्यालयों में फर्नीचर की खरीदारी के लिए 3.57 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। फरवरी में ही स्वीकृति मिलने के बाद भी अभी तक फर्नीचर की खरीदारी नहीं हो सकी। मार्च माह से ही निविदा प्रक्रिया चल रही है, जो अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है।

जिले के नौ ब्लाक में 805 प्राथमिक (कक्षा एक से पांच), 192 उच्च प्राथमिक (कक्षा छह से आठ ) व 250 संविलियन (कंपोजिट एक से आठ ) विद्यालय हैं। इसमें कुछ ही विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए डेस्क और बेंच की व्यवस्था है। दो वर्ष पूर्व 93 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराया गया था। कुछ प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों ने अपने खर्च पर कक्षाओं के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराया है। फर्नीचर के अभाव में विद्यालय चलने पर बच्चे चटाई व दरी पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। कोरोना संक्रमण में विद्यालय बंद होने पर शासन से विद्यालय खुलने से पूर्व फर्नीचर की खरीदारी का निर्देश मिला है। उपलब्ध धनराशि से जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदारी करके भुगतान जनपद स्तरीय समिति की संस्तुति पर संबंधित फर्म को किया जाना है। 17 मार्च से चल रही है निविदा की प्रक्रिया

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जेम पोर्टल से फर्नीचर क्रय करने के लिए तीन माह पूर्व 17 मार्च को निविदा आमंत्रित की गई थी। तकनीकी कारणों से इसे निरस्त करके पुन: आठ जून का समय तय किया गया। अब 18 जून तक निविदा मांगी गई है। शासन स्तर से जिले के 326 विद्यालयों में डेस्क-बेंच की खरीद के लिए धन मिला है। नियमानुसार जेम पोर्टल से इसकी खरीदारी सुनिश्चित की जाएगी। हर विद्यालयों में यह सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।

सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए

chat bot
आपका साथी