Coronavirus: गोरखपुर में ट्रेनों से उतरने के बाद प्रवासियों को नहीं मिल रहीं बसें, स्टेशन पर रात काटने को मजबूर हैं लोग Gorakhpur News

दरअसल रोजी-रोटी के लिए महाराष्ट्र गए पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग अभी से सतर्क हो गए हैं। पिछले साल वाले हालात पैदा होने से पहले ही वे घर वापस आ जाना चाहते हैं। लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड स्पेशल ट्रेनें भी चला रहा है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:09 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:09 AM (IST)
Coronavirus: गोरखपुर में ट्रेनों से उतरने के बाद प्रवासियों को नहीं मिल रहीं बसें, स्टेशन पर रात काटने को मजबूर हैं लोग Gorakhpur News
गोरखपुर में बस स्‍टेशन पर यात्रियों की भीड़, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद घर जाने के लिए प्रवासियों को रोडवेज की बसें नहीं मिल पा रहीं। शाम के बाद परेशानी और बढ़ जा रही है। पूर्वांचल के दूरदराज कस्बों व बिहार के सैकड़ों लोग रेलवे स्टेशन पर रात काटने को मजबूर हैं। कोरोना काल में लोग धक्कामुक्की करने को मजबूर है। कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन तार-तार हो रहा है।

प्रतिदिन आ रहे दस हजार से ज्‍यादा लोग

दरअसल, रोजी-रोटी के लिए महाराष्ट्र गए पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग अभी से सतर्क हो गए हैं। पिछले साल वाले हालात पैदा होने से पहले ही वे घर वापस आ जाना चाहते हैं। लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड स्पेशल ट्रेनें भी चला रहा है। आलम यह है कि मुंबई और पुणे से रोजाना करीब दस हजार लोग गोरखपुर पहुंच रहे हैं। लेकिन गोरखपुर से बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र, देवरिया, रुद्रपुर, कुशीनगर, तमकुही, पडरौना, महराजगंज, ठुठीबारी के लिए पर्याप्त बसें नहीं मिल पा रहीं।

डिपो में निगम की बसों का टोटो

एक तो कर्फ्यू के चलते शाम होते ही बसें डिपो में खड़ी हो जा रही, वहीं दर्जनों बसें पंचायत चुनाव में लगी हैैं। डिपो में बसों का टोटा है। लोगों को दिन की तेज धूप में भी बसों का इंतजार करना पड़ रहा है तो रात रेलवे स्टेशन पर काटनी पड़ रही है। परिवहन निगम का कहना है कि बसों की व्यवस्था कराई जा रही है।

बिहार के नाम पर रास्ते में ही उतार दे रही डग्गामार बसें 

प्राइवेट वाहन चालक आपदा को भुना रहे हैैं। वे प्रवासियों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाना किराया वसूल रहे हैं। प्राइवेट बसें मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान और छपरा के लोगों को बैठा रही हैैं और बिहार के सीमाई क्षेत्र में ले जाकर रास्ते में ही उतार दे रही हैं। बिहार ही नहीं पूर्वांचल के लोग भी ठगे जा रहे हैं। रोडवेज की बसें डिपो परिसर में मिलें या न मिलें लेकिन डिपो के आसपास प्राइवेट बसें 24 घंटे लगी रहती हैं। उसके चालक-परिचालक रेलवे स्टेशन के सामने और डिपो परिसर में घुसकर बिहार व प्रमुख कस्बों के यात्रियों को अपनी बस तक ले आते हैैं। रास्ते में मनमाना किराया तो वसूलते ही हैं, बीच रास्ते पर भी छोड़ रहे हैैं।

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