गोरखपुर में मीटर रीडरों की बीट हुई निर्धारित, लक्ष्‍य मिला दो हजार बिल बनाने का

विद्युत निगम 176 करोड़ रुपये की बिजली जलाकर गायब हुए 40 हजार बकायेदारों की तलाश कर रहा है। अभियान में ट्रांसफार्मर से जुड़े एक-एक उपभोक्ता के कनेक्शन की जांच कर बिल बनाया जाएगा। हर मीटर रीडर को एक महीने में दो हजार बिल बनाने का लक्ष्य दिया गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 04:58 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 04:58 PM (IST)
गोरखपुर में मीटर रीडरों की बीट हुई निर्धारित, लक्ष्‍य मिला दो हजार बिल बनाने का
मीटर रीडरों को मिला दो हजार बिजली बिल बनाने का लक्ष्‍य। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : शहर में 176 करोड़ रुपये की बिजली जलाकर गायब हुए 40 हजार बकायेदारों की तलाश में बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। इस अभियान में ट्रांसफार्मर से जुड़े एक-एक उपभोक्ता के कनेक्शन की जांच कर बिल बनाया जाएगा। सूची से बाहर के उपभोक्ता मिलेंगे तो इसकी जानकारी तत्काल अवर अभियंता को देनी होगी। हर मीटर रीडर को एक महीने में दो हजार बिजली का बिल बनाने का लक्ष्य दिया गया है।

एक मैरिज हाल में हुई अफसरों की बैठक

तारामंडल क्षेत्र के एक मैरिज हाल में बिजली निगम के अफसरों की बैठक हुई। अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने कहा कि सभी मीटर रीडरों की बीट निर्धारित कर दी गई है। बीट वार मीटर रीडर एक-एक मीटर की प्रोब आधारित बिलिंग करेंगे। यदि किसी ट्रांसफार्मर से जुड़े क्षेत्र में उपभोक्ता की संख्या ज्यादा मिलती है तो इसकी जानकारी संबंधित अवर अभियंता को देनी होगी।

एक ट्रांसफार्मर की जांच के बाद ही दूसरी जगह जाएंगे

अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने कहा कि मीटर रीडरों को बीट चार्ट दिया जा चुका है। जिन ट्रांसफार्मर से जुड़े उपभोक्ताओं की जांच का जिम्मा सौंपा गया है, वहां की पूरी जांच के बाद मीटर रीडर दूसरी जगह पर जाएंगे। ट्रांसफार्मर से जुड़े उपभोक्ताओं की सूची पहले ही बना ली गई है।

अच्छा काम तो मिलेगा इनाम

अधीक्षण अभियंता शहर ने कहा कि जो मीटर रीडर अच्छा काम करेंगे, उन्हें इनाम दिया जाएगा। ठीक काम न करने वाले मीटर रीडर को सेवा मुक्त करने की संस्तुति की जाएगी। जो मीटर उपभोक्ताओं से जुड़ा डाटा ठीक से नहीं फीड कर पाते हैं, उन्हें हटाने के लिए कहा जा चुका है।

आठ घंटे गुल रही असुरन क्षेत्र की बिजली

असुरन क्षेत्र में आठ घंटे बिजली गुल रहने से उपभोक्ता परेशान रहे। राप्ती कांप्लेक्स, असुरन, मेडिकल कालेज रोड किनारे बिजली न रहने से व्यवसाय पर भी असर पड़ा। कई दुकानें समय से पहले बंद हो गईं। व्यापारी नेता मणिनाथ गुप्ता ने बताया कि सुबह 11 बजे बिजली गुल हो गई। अफसरों ने कटौती की पहले कोई सूचना भी नहीं दी थी। यदि सूचना मिलती तो व्यापारी वैकल्पिक इंतजाम करते। शाम छह बजे बिजली आयी तो सिर्फ 10 मिनट बाद भी गुल हो गई। रात सात बजे के बाद आपूर्ति सामान्य हो सकी।

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