कोविड प्रोटोकाल से बाहर की गईं दवाएं बच्चों के किट में शामिल, आइसीएमआर ने इन दवाओं को किया था खारिज
कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए बच्चों व किशोरों के लिए तैयार की गई मेडिकल किट में उन दवाओं को भी शामिल किया गया है जिन्हें इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने बताया है कि कोविड के इलाज में इनकी कोई भूमिका नहीं है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए बच्चों व किशोरों के लिए तैयार की गई मेडिकल किट में उन दवाओं को भी शामिल किया गया है, जिन्हें इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने बताया है कि कोविड के इलाज में इनकी कोई भूमिका नहीं है। आइसीएमआर ने अध्ययन के बाद आइवरमेक्टिन, जिंक व मल्टीविटामिन को कोविड प्रोटोकाल से बाहर कर दिया है। लेकिन बच्चों व किशोरों के लिए बनी मेडिकल किट में इन्हें शामिल किया गया है।
आइसीएमआर ने इन दवाओं को किया कोविड प्रोटोकाल से बाहर
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए इस लहर की रोकथाम की तैयारी बच्चों व किशोरों को ध्यान में रखकर की जा रही है। पीडियाट्रिक आइसीयू बनाए जा रहे हैं। साथ ही प्रदेश सरकार ने 27 जून से बच्चों व किशोरों को बांटने के लिए मेडिकल किट तैयार की है। प्रथम चरण के लिए 35 हजार किट स्वास्थ्य विभाग को शासन ने उपलब्ध करा दिया है।
इन दवाओं को किया गया शामिल
शून्य से 17 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिन्हें अलग-अलग किट उपलब्ध कराई जाएंगी। शून्य से एक व दो से पांच साल तक के बच्चों की दोनों श्रेणियों में मल्टीविटामिन दवा शामिल की गई है। छह से 12 साल के बच्चों की किट में आइवरमेक्टिन व 13 से 17 साल के किशोरों की किट में आइवरमेक्टिन के साथ जिंक सल्फेट भी शामिल किया गया है।
शासन की गाइडलाइन के अनुसार दवाएं किट में शामिल की गई हैं। हम इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। इन दवाओं की किट विशेषज्ञों की सलाह पर ही तैयार की गई हैं। दवाएं उपयोगी हैं। इनका असर कोरोना के इलाज में देखा गया है। 27 जून को जनप्रतिनिधियों के हाथों वितरण का शुभारंभ कराया जाएगा। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।