गोरखपुर में कोरोना की मार से सूखे मेवे का बाजार गिरा, जानें-कितना सस्ता हुआ सामान Gorakhpur News
होली में भी सूखे मेवे का कारोबार पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसद कम रहा। कारोबारियों को 22 अप्रैल से शुरू हो रही लगन से उम्मीदें थीं लेकिन कोरोना ने नाउम्मीद कर दिया है। किशमिश को छोड़ सभी तरह के सूखे मेवे के दाम कम हुए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना की वजह से पिछले साल सूखा मेवा खूब बिका था। कीमत 10 से 15 फीसद तक बढ़ गई थी। अबकी कोरोना की दूसरी लहर में इसका भी बाजार गिर गया है। काजू, बादाम एवं अंजीर के दाम प्रतिकिलो 75 से लेकर 125 रुपये तक कम हो गए हैं। बादाम 500 तो काजू 600 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिल रहा है। कारोबारियों के मुताबिक कोरोना की वजह से सूखे मेवा की मांग 40 फीसद तक घट गई है।
होली में भी कारोबार पर विपरीत असर
होली में भी सूखे मेवे का कारोबार पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसद कम रहा। कारोबारियों को 22 अप्रैल से शुरू हो रही लगन से उम्मीदें थीं, लेकिन कोरोना ने नाउम्मीद कर दिया है। किशमिश को छोड़ सभी तरह के सूखे मेवे के दाम कम हुए हैं। लखनऊ और पटना के बीच गोरखपुर सूखे मेवे की सबसे बड़ी मंडी है। आसपास के जिलों के अलावा बिहार के बगहा, बेतिया, मोतीहारी, सीवान व छपरा तक के थोक कारोबारी यहां से खरीदारी करते हैं।
मांग न होने से बाजार में सुस्ती
साहबगंज के थोक कारोबारी कृष्णा ने बताया कि मांग न होने से मेवे के कारोबार में सुस्ती है। बाजार में माल भरपूर है, लेकिन खरीदार नहीं हैं। मोहरीपुर में किराना मार्ट चलाने वाले दुर्गेश ने बताया कि पिछले साल कोरोनाकाल में लोगों ने सबसे ज्यादा अपनी सेहत का ध्यान रखा। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सूखे मेवे का इस्तेमाल किया। अबकी ऐसा नहीं दिख रहा है। इस बार लोग सूखे मेवे की तरफ बहुत ध्यान नहीं दे रहे हैं। बाजार एक दम से नरम है। हालांकि सूखे मेवे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
यह है कीमत
बादाम 500-700 रुपये किलो,
काजू 600-750 रुपये किलो,
किशमिश 200-280 रुपये किलो,
छुहाड़ा - 250 रुपये किलो,
अंजीर - 600 - 800 रुपये किलो,
मखाना - 600-700 रुपये किलो,
अखरोट - 900-1200 रुपये किलो,