नगर निगम में कई चालकों ने रख लिए हैं अपने ड्राइवर
नगर निगम में मैजिक वाहन से लगायत ट्रैक्टर डीसीएम हाइवा और जेसीबी का चालक बनने के लिए वसूली होती है। सबसे ज्यादा मांग हाइवा की है। जितना बड़ा वाहन उतना ज्यादा तेल और उतनी ही बचत होने के कारण चालक रुपये खर्च करने में पीछे नहीं रहते।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम में चालकों के खेल पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। चालकों के खुद चालक रखने की शिकायत के बाद नगर आयुक्त ने सभी की जांच कराने का निर्देश दिया है। मुख्य सफाई निरीक्षक और सफाई निरीक्षक वार्डों में ऐसे चालकों को चिह्नित करेंगे जो खुद वाहन न चलाकर दूसरों से चलवाते हैं।
वाहन लेने में देने पड़ते हैं रुपये
नगर निगम में मैजिक वाहन से लगायत ट्रैक्टर, डीसीएम, हाइवा और जेसीबी का चालक बनने के लिए वसूली होती है। सबसे ज्यादा मांग हाइवा की है। जितना बड़ा वाहन उतना ज्यादा तेल और उतनी ही बचत होने के कारण चालक रुपये खर्च करने में पीछे नहीं रहते।
इनकी जांच के निर्देश
हैदर, भुख्खल, इल्ताफ, राजमन, विक्रम, ज्योति, जमशेद, वसीद। इनमें से कुछ की शिकायत नगर निगम के ही एक चालक ने की है।
भाई-भतीजावाद सबसे ज्यादा
पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम में कई चालक ऐसे हैं जिनकी तीन पीढिय़ां काम कर रही हैं। नौसढ़ इलाके के सबसे ज्यादा चालक काम कर रहे हैं। एक चालक से बाबू का काम लिया जा रहा है।
कई बार पकड़ी जा चुकी है तेल चोरी
नगर निगम में कई बार तेल चोरी पकड़ी जा चुकी है। तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने रंगे हाथ चालकों को तेल चुराते पकड़ा था। कुछ दिनों पहले राप्तीनगर के पार्षद बृजेश सिंह छोटू ने पेट्रोल पंप पर तेल कम तेल भराने और ज्यादा की पर्ची लेने का खेल पकड़ा था। नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि चालकों को वाहन चलाना ही होगा। जिन्होंने खुद चालक रख लिए हैं उनकी जांच कराई जा रही है। यदि खुद वाहन चलाते नहीं मिले तो आउटसोर्सिंग वालों को सेवा से हटाया जाएगा और स्थायी चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।