Manish Murder case: सीबीआइ खोल रही परत-दर-परत, मनीष को अचेत स्‍थ‍ित‍ि में लेकर अस्‍पताल पहुंची थी पुल‍िस

कानपुर के व्‍यवसायी मनीष गुप्‍ता दो दोस्‍तों के साथ गोरखपुर घूमने आए थे। 27 नवंबर की रात रातमगढ ताल इलाके के एक होटल में ठहरे थे। स्‍थानीय पुलिस होटल की तलाशी लेने पहुंची थी। इस दौरान पुलिस वालों की पिटाई से मनीष की मौत हो गई थी।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 08:17 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 08:32 AM (IST)
Manish Murder case: सीबीआइ खोल रही  परत-दर-परत, मनीष को अचेत स्‍थ‍ित‍ि में लेकर अस्‍पताल पहुंची थी पुल‍िस
पूछताछ के बाद एनेक्सी भवन से बाहर निकलते मानसी हास्पिटल के कर्मचारी निकेश गुप्ता व मनीष तिवारी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम 16 नवंबर को मानसी हास्पिटल के कर्मचारी निकेश गुप्ता व मनीष तिवारी से पूछताछ की। होटल से निकलने के बाद अचेत स्थिति में मनीष गुप्ता को हत्यारोपित पुलिसकर्मी मानसी हास्पिटल ले गए थे। जहां से मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। टीम ने पूरे दिन एनेक्सी भवन में रहकर अब तक की जांच में मिले साक्ष्य की पड़ताल की। इससे पहले सीबीआइ के इंस्पेक्टर लखनऊ का टिकट बुक कराने रेलवे स्टेशन पहुंचे। लौटने के बाद देर शाम तक एनेक्सी भवन में मानसी हास्पिटल के कर्मचारियो से पूछताछ की। 17 नवंबर को सीबीआइ टीम के एक और अधिकारी गोरखपुर पहुंचेंगे। एनेक्सी भवन में उनके लिए कमरा बुक कराया गया।

हत्‍याकांड में अभी तक 15 लोगों से हो चुकी है पूछताछ

11 अक्टूबर को लखनऊ से गोरखपुर पहुंची सीबीआइ ने पहले चरण की जांच पूरी कर ली है।पिछले छह दिनों में सीओ कैंट, प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल, कानपुर एसआइटी, होटल के कर्मचारियों के साथ ही मनीष को गोरखपुर बुलाने वाले चंदन सैनी समेत 15 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। मेडिकल कालेज के डाक्टर, कर्मचारियों के साथ ही जिले के अधिकारियों से पूछताछ होना बाकी है। उनके यहां आने के बाद बाकी लोगों से पूछताछ होगी। छह दिन से गाेरखपुर में जमे सीबीआइ टीम के विवेक श्रीवास्तव और महेश प्रसाद 17 नवंबर को लखनऊ जाएंगे। माना जा रहा है कि छह दिन की जांच में मिले साक्ष्य से यह लोग अधिकारियों को अवगत कराएंगे। उनके निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई शुरु होगी।

पूरे दिन लिपिबद्ध किया बयान व दस्तावेज

16 नवंबर को सीबीआइ की टीम ने पूरा दिन एनेक्सी भवन में बिताया। विकास भवन का कंप्यूटर आपरेटर सुबह 10 बजे एनेक्सी भवन के सेफ हाउस में पहुंचा।टीम के सदस्य पूरे दिन उसी के साथ जूझते रहे।घटना के बारे में अब तक मिले तथ्यों, बयानों को सीबीआइ ने लिपिबद्ध किया। शाम चार बजे तक यही सब चला है।

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पहले मनीष फिर निकेश से हुई पूछताछ

साढ़े पांच बजे के करीब मानसी हास्पिटल के कर्मचारियों को एक के बाद एक कर सीबीआइ ने बुलाया। पहले मनीष तिवारी फिर नितेश गुप्ता से पूछताछ हुई। शाम सात बजे तक दोनों से पूछताछ चली। उन्होंने बताया कि घटनावाली रात हास्पिटल में क्या हुआ था यह सीबीआइ जानना चाहती थी। हमलोगों ने बताया कि मनीष गुप्ता को जब लाया गया तब उनकी हालत गंभीर थी। डाक्टर ने जांच करने के बाद मेडिकल कालेज रेफर कर दिया था। होटल से मनीष गुप्ता को सबसे पहले मानसी हास्पिटल ले जाया गया था। लेकिन पुलिस रिकार्ड में इसका जिक्र नहीं है। हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने जीडी में होटल से जिला अस्पताल ले जाने का जिक्र किया था। जिसका कोई प्रमाण नहीं मिला।

हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की आज होगी काेर्ट में पेशी

जेल में बंद मनीष गुप्ता हत्याकांड के सभी छह आरोपित पुलिसकर्मियों की 17 नवम्बर को सीजेएम कोर्ट में पेशी होगी। उन्हें 17 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था।संभावना है कि सीबीआइ उन्हें अपनी कस्टडी में लेगी।सोमवार को टीम के सदस्य इस संंबंध में जानकारी लेने कोर्ट पहुंचे थे।

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