मंडलायुक्‍त ने कहा-क्रय केंद्र से लौटने न पाएं किसान, सत्यापन में लापरवाही अक्षम्य Gorakhpur News

मंडलायुक्त ने कहा कि धान खरीदने के 72 घंटे के भीतर किसान को भुगतान कर दिया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर केंद्र पर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए जो धान खरीद पर नजर रखेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 04:59 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 04:59 PM (IST)
मंडलायुक्‍त ने कहा-क्रय केंद्र से लौटने न पाएं किसान, सत्यापन में लापरवाही अक्षम्य Gorakhpur News
बैठक को संबोधित करते मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर।

गोरखपुर, जेएनएन। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि धान खरीद में शिकायत मिली तो संबंधित केंद्र प्रभारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। केंद्रों पर सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं और खरीदारी सुनिश्चित करायी जाए। वह आयुक्त सभागार में मंडल में धान क्रय की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मंडल के सभी 430 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू करा दी जाए। केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपाय किए जाएं और वहां आने वाले किसानों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाए।

मंडलायुक्त ने कहा कि धान खरीदने के 72 घंटे के भीतर किसान को भुगतान कर दिया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर केंद्र पर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए, जो धान खरीद पर नजर रखेगा। सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी केंद्र से कोई किसान वापस न लौटने पाए। धान में नमी को लेकर मानक का पालन किया जाए। अनावश्यक परेशान करने की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। मंडल एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित हैं, यहां आने वाली शिकायतों का तत्काल निराकरण कराया जाए। उन्होंने मंडी समितियों की निगरानी के निर्देश दिए, ताकि किसानों को कम कीमत न मिले। बैठक में जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन, सीईओ गीडा/संभागीय खाद्य नियंत्रक संजीव रंजन, आरएमओ, सभी डिप्टी आरएमओ आदि उपस्थित रहे।

जलभराव से मुक्ति के लिए बनाएं चरणवार योजना

मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि शहर को जलभराव से मुक्त करने के लिए चरणवार योजना बनाई जाए। दीर्घकालीन परियोजना के साथ अल्पकालीन योजना बनाकर जल भराव वाले क्षेत्रों को तत्काल राहत दी जा सकती है। मंडलायुक्त शहर को जलभराव से मुक्त बनाने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जियोनो कंपनी की ओर से तैयार लेडार सर्वे का प्रस्तुतीकरण भी देखा। कहा कि जिन क्षेत्रों में जल भराव की अधिक समस्या रहती है, उनका चयन कर प्राथमिकता के आधार पर समस्या का समाधान किया जाए। निर्माण कार्य के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करते समय एजेंसियां नाले के एलाइनमेंट का ध्यान जरूर रखें। बैठक में जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन, गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अनुज ङ्क्षसह आदि उपस्थित रहे।

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