आदमखोर तेंदुए का 12 दिन बाद भी नहीं चला पता, ड्रोन कैमरे से की जा तलाश
महराजगंज जिले के सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के उत्तरी चौक रेंज के सेमरहवा व बरतनी जंगल में सात दिसंबर को भी ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम ने गश्त कर तेंदुए की तलाश की इस दौरान ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की गई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महराजगंज जिले के सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के उत्तरी चौक रेंज के सेमरहवा व बरतनी जंगल में सात दिसंबर को भी ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम ने गश्त कर तेंदुए की तलाश की, इस दौरान ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की गई और पिंजड़े के स्थान को बदल दिया गया। लेकिन देर रात तक कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई। 12 दिन बाद भी आदमखोर तेंदुए का पता नहीं चल पाया।
मासूम बच्चे को उठा ले गया था तेंदुआ
नौतनवा थाना क्षेत्र के सेमरहवा गांव में 25 नवंबर की शाम माता-पिता के पास खेत जा रहे एक मासूम को तेंदुआ जंगल में उठा ले गया। ग्रामीणों को काफी खोजबीन के बाद जब बालक मिला तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इस घटना को लेकर जहां एक तरफ पूरे क्षेत्र में मातम छा गया , वहीं दूसरी तरफ दहशत फैल गई। 26 नवंबर को सुबह एक गौवंशी पशु को तेंदुए ने निवाला बना लिया। जबकि दो दिन बाद खेत में काम करने गई महिला तिलकी पर हमला कर घायल कर दिया।
पिजडा लगाकर भी नहीं पकड सके वनकर्मी
वन विभाग ने पिंजड़े में बकरे को रख पकड़ने का प्रयास भी असफल रहा। जिसका शिकार तेंदुए ने बाहर से कर लिया। सोमवार सुबह एक कुत्ते को उठा ले जाने पर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। उनको भय है कि कभी भी घात लगाए तेंदुआ किसी के लिए भी आफत बन सकता है।
एसएसबी जवान व ग्रामीणों के साथ गश्त कर रहे वनकर्मी
वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि वन विभाग, एसएसबी व ग्रामीणों के सहयोग से तेंदुए की तलाश चल रही है, वहीं ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है। खेती का काम समूह बनाकर सतर्कता के साथ करने की अपील की गई है। वनदरोगा प्रशांत सिंह चौहान, उपनिरीक्षक राकेश कुमार, वन रक्षक शिवशंकर उपाध्याय, हीरा डाकिया व भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।