चाइना की चुनौती समाप्त करेंगे मेक इन इंडिया उत्पाद, देशी कंपनियों को 500 करोड़ के आर्डर Gorakhpur News

कारोनो के चलते करीब छह माह से मंदी की मार झेल रहा इलेक्ट्रानिक बाजार को त्योहारों से बहुत उम्मीदें हैं। व्यापारियों का मानना है कि दशहरा धनतेरस व दीपापली के मौके पर लोग जरूर कुछ न कुछ खरीदेंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 11:30 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 11:30 AM (IST)
चाइना की चुनौती समाप्त करेंगे मेक इन इंडिया उत्पाद, देशी कंपनियों को 500 करोड़ के आर्डर Gorakhpur News
मेक इन इंडिया की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। यूं तो त्योहारी सीजन कारोबार के लिहाज से अच्‍छा माना जाता है, लेकिन दशहरा से लेकर दीपावली तक सबसे ज्यादा बिक्री इलेक्ट्रानिक सामान की होती है। इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट बनाने वाली छोटी कंपनियों से लेकर मल्टीनेशलन कंपनियों तक पूरे साल इन त्योहारों का इंतजार करती हैं। माना जाता है कि जितनी बिक्री दस महीने में होती है उससे कहीं ज्यादा सिर्फ दो महीने में होती है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कंपनियां तरह-तरह के ऑफर की पेशकश भी करती हैं। कारोनो के चलते करीब छह माह से मंदी की मार झेल रहा इलेक्ट्रानिक बाजार को त्योहारों से बहुत उम्मीदें हैं। व्यापारियों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों से लोगों ने खरीदारी नहीं की है और दशहरा, धनतेरस व दीपापली के मौके पर लोग जरूर कुछ न कुछ खरीदेंगे।

इलेक्‍ट्रानिक बाजार भी अछूता नहीं

कोरोना की मार से इलेक्ट्रानिक बाजार भी अछूता नहीं है। अप्रैल से लेकर जून तक कूलर, एसी, फ्रिज और पंखे की सबसे ज्यादा मांग रहती है। अनुमान के मुताबिक गोरखपुर एवं आसपास के कस्बों प्रतिदिन 30 से 32 करोड़ का कारोबार है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ। जब दुकानें खुली तो बिक्री घटकर महज 30 से 35 फीसद तक रह गई। सितंबर आते-आते बिक्री में और भी गिरावट देखी गई। अब कारोबारियों की नजर आने वाले तीन मुख्य त्योहारों एवं लगन पर टिकी हुई है। वे अभी से तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि उनके सामने चुनौतियां भी कई हैं।

एक हजार करोड़ का है कारोबार

दशहरा एवं धनतेरस पर सबसे ज्यादा बिक्री मोबाइल, एलइडी टीवी, फ्रिज, वाङ्क्षशग मशीन, होम अपालाइंस, माइक्रोवेब ओवन आदि की होती है। इनमें सिर्फ एलईडी टीवी की हिस्सेदारी करीब चालीस फीसद होती है। बड़ी कंपनियां सबसे ज्यादा प्रचार-प्रसार भी एलइडी टीवी का ही करती हैं। बाजार के जानकारों के मुताबिक त्योहारों में गोरखपुर में करीब एक हजार करोड़ का कारोबार होता है। आसपास के जिलों से भी लोग यहां खरीदारी करने आते हैं। भीड़ से बचने के लिए लोग हफ्तों पहले बुङ्क्षकग करा लेते हैं।

इस बार कम दिखेंगे मेड इन चाइन सामान

चीन से विवाद का सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रानिक बाजार पर ही देखने को मिलेगा। अधिकांश सामान या उसके पाट््र्स चीन से ही आयात होता है, लेकिन इधर कुछ महीनों से हालात बदले हैं। कई नामी कंपनियां अपने देश में ही एलईडी टीवी समेत कई उत्पाद बना रही हैं। चाइनीज उत्पादों की कीमत बढऩे का फायदा भी स्वेदशी कंपनियों को होगा। थोक कारोबारी भी अपने देश में निर्मित सामान को प्राथमिकता दे रहे हैं। करीब पांच सौ करोड़ रुपये के सामान का आर्डर दिया जा चुका है, जिसकी डिलेवरी अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी।

ई-कामर्स कंपनियां नहीं बनेगी रोड़ा

बीते कुछ सालों से ई-कामर्स कंपनियों ने बाजार को बहुत हद तक प्रभावित किया है। खासकर दशहरा और दीपावली के वक्त कंपिनयां इलेक्ट्रानिक सामान पर 15 से 30 फीसद तक छूट देती हैं। इसके अलावा विभिन्न बैंकों क्रेडिट व डेविट कार्ड से भुगतान करने पर 10 फीसद अतिरिक्त छूट दी जाती है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग स्थानीय बाजार को छोड़कर ऑनलाइन सामान खरीदते हैं, लेकिन शायद इस बार ऐसा न हो। कारोबारियों की संस्था कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने ई-कामर्स कंपनियां की ओर से दी जाने वाली छूट पर सवाल उठाते हुए सरकार से फेस्टिवल सेल पर अंकुश लगाने की मांग की है। यह माना जा रहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार ज्यादा छूट देने पर रोक लगा सकती है।

एक नजर आकड़ों पर

गोरखपुर शहर में इलेक्ट्रानिक की थोक व फुटकर दुकानों की संख्‍या 1150 है। इनका 30 से 32 करोड़ रुपये (लॉकडाउन से पहले) एक दिन का औसत कारोबार है। अब 10 करोड़ रुपये का प्रतिदिन का औसत कारोबार हो गया है। दिल्ली, नोएडा, मुंबई, पुणे, बैंगलुरू, हरियाणा, कोलकाता, अहमदाबाद आदि स्‍थानों से इलेक्‍ट्रानिक सामान मंगाए जाते हैं।  

यहां है प्रमुख बाजार

गोरखपुर शहर में गोलघर, सिनेमा रोड, बैंक रोड, मेडिकल कॉलेज रोड, मोहद्दीपुर, मियां बाजार, कोतवाली रोड, रेती रोड और रुस्तमपुर में इलेक्‍ट्रानिक के प्रमुख बाजार हैं।

ये है चुनौती

इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ये लोग दुकान के बाहर डिस्पले नहीं लगा सकेंगे। एलईडी टीवी समेत कई प्रोडक्ट का दाम बढ गया है ऐसे में दुकान तक ग्राहकों को लाना काफी कठिन है। लोगों के पास नकदी की कमी आ गई है। क्रेडिट पर माल नहीं मिल रहा है।

क्या चाहते हैं कारोबारी

व्‍यापारी चाहते हैं कि उन्‍हें त्योहार पर दुकान के बाद डिस्पले लगाने की छूट मिले। बकाए के भुगतान के लिए और वक्त मिले, कंपनियां एवं बड़े कारोबारी छोटे दुकानदारों को क्रेडिट पर माल दें, त्योहारी सीजन में सातों दिन दुकान खोलने की अनुमति मिले साथ ही जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीडऩ न किया जाए।

क्‍या कहते हैं व्‍यापारी

नव वाणी के अव‍नीश शर्मा का कहना है कि लोगों के पास नकदी की कमी है इसलिए कोई भी सामान लेने पर जीरो फीसदी ब्लाज पर फाइसेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए विभिन्न कंपनियों से बात की जा रही है। कोशिश होगी कि दुकान पर आने वाला कोई भी ग्राहक खाली हाथ न लौटे। पंकज अरोरा का कहना है कि दशहरा और दीपावली को ध्यान में रखकर हमलोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले महीने से बिक्री में सुधार होने की उम्मीद है। ग्राहकों को बढिय़ा स्कीम के साथ डिस्काउंट भी दिया जाएगा। वहीं अतुल सिंह का कहना है कि कारोबार के लिहाज से पिछले कुछ महीने अ'छे नहीं गए हैं। अब सारा दारोमदार आने वाले त्योहारों पर टिका हुआ है। हालात को देखते हुए लगता नहीं है कि पिछले साल जैसी सेल हो पाएगी। इसकी वजह लोगों केे पास नगदी न होना है। कई महीनों तक फैक्ट्रियां बंद होने से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। इसका असर कीमतों पर पडऩा तय है। एलईडी टीवी समेत कई प्रोडक्ट के दाम पहले ही बढ़ चुके हैं। ऐसे में सबकी नजर त्योहारों पर टिकी है।

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