बस्ती जिले में बडा हादसा, करंट की चपेट में आन से मां समेत दो बच्चों की मौत
बस्ती िजिले में दुबौिलिया क्षेत्र के जमुनीजोत गांव में महिला और उसेक दो बच्चों की करंट लगने से मौत हो गई है। इस हादसे में महिला की एक अन्य बेटी बुरी तरह से झुलस गई है। निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बस्ती जिले में दुबौलिया क्षेत्र के जमुनीजोत गांव में करंट की चपेट में आने से मैना देवी व उनके दो बच्चों की तड़प कर मौत हो गई। इस हादसे में मैना देवी की एक बेटी बुरी तरह से झुलस गई है। निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। डाक्टरों ने उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
दोपहर में हुआ हादसा
दिल दहला देने वाला यह हादसा 18 सितंबर को दोपहर 12 बजे के आसपास हुआ। खोना खाने के बाद मैना देवी, दुधमुंहे बच्चे के साथ बिस्तर पर आराम करने गईं। गर्मी से निजात पाने के लिए वह पंख में प्लग लगा रही थीं। उसी समय करंट की चपेट में आ गईं। उनकी चीख सुनकर दोनों बेटियां पहुंची। बोर्ड से अलग करने की कोशिश में दोनों बेटियां भी उनसे चिपक कर तडपने लगे। कुछ देर बाद ही मां व दुधमुंहे बेटे प्रेम सिंह तथा बेटी चांदनी की मौत हो गई। दूसरी बेटी पल्लवी की हालत गंभीर बनी हुई है।
भीगे हाथ से पंखे का प्लग लगाते समय इुई दर्दनाक घटना
बाइक मिस्त्री रामपाल की पत्नी मैना देवी एक वर्षीय बेटे को गोद में लेकर पंखे का प्लग बोर्ड में लगा रही थी। हाथ भीगा था। जिससे वह करंट की चपेट में आ गईं। मां की चीख सुन सात वर्षीय बेटी चांदनी और पांच वर्षीय पल्लवी पहुंची। मां को बोर्ड से अलग करने की कोशिश में वह भी करंट की चपेट में आ गईं।
जेठानी के शोर मचाने पर लोगों को हुई घटना की जानकारी
मैना देवी और उनके दोनों बेटियों की चीख सुनकर बगल के में कमरे से निकलकर जेठानी उन्हें बचाने पहुंच गई। मैना देवी व उनके तीन बच्चों को बिजली के बोर्ड से चिपका देखकर उन्होंने शोर मचाया तब जाकर लोगों को घटना के बारे में आसपास के लोगाें पता चला। लोगों ने बिजली काटी और फिर मां के साथ शरीर से लिपटे दुधमुंहे बच्चे और दोनों बेटियों को अलग किया। बुरी तरह से झुलसे चारों को लेकर बहादुरपुर अस्पताल में गए ,जहां चिकित्सक ने मैना देवी,उसके एक वर्षीय बेटे प्रेम और सात वर्षीय चांदनी को मृत घोषित कर दिया। पल्लवी को विशेषरगंज के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बाइक की मरम्मत कर परिवार का खर्च चलाते हैं रामपाल
बाइक मिस्त्री रामपाल की रमवापुर में दुकान है। सुबह वह घर से दुकान चले गए थे। दोपहर में घर आए थे, लेकिन खाना खाने के बाद दोबारा दुकान पर चले गए। इधर उसकी पत्नी मैना देवी बच्चों को खाना खिलाने के बाद निश्चिंत हुई तो दोपहर में सोने के लिए कमरे में चली गई। उसकी दोनों बेटियों बिस्तर पर थीं जबकि वह दुधमुंहे बेटे को लेकर सोने के लिए टेबल फैन चलाने को प्लग लगा रही थी।