लीबिया से देवरिया लौटे महेंद्र, परिवार में खुशी

देवरिया के युवक का त्रिपोली एयरपोर्ट के पास से 14 सितंबर को हुआ था अपहरण।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 11:04 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 11:04 PM (IST)
लीबिया से देवरिया लौटे महेंद्र, परिवार में खुशी
लीबिया से देवरिया लौटे महेंद्र, परिवार में खुशी

देवरिया, जेएनएन। लीबिया में अपहृत महेंद्र गुरुवार की दोपहर अपने गांव पहुंच गए, गांव पहुंचते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। स्वजन ने फूल-माला से उनका स्वागत किया।

रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के ग्राम सहोदरपट्टी निवासी महेंद्र सिंह पुत्र रामजी सिंह एक साल पहले काम के सिलसिले में लीबिया गए थे। 13 सितंबर को उन्होंने स्वजन से बात की और गांव आने की सूचना दी। कहा कि वह त्रिपोली एयरपोर्ट पर पहुंच रहे हैं। इसके बाद से ही उनका मोबाइल बंद हो गया। स्वजन 18 सितंबर को उन्हें लेने गोरखपुर एयरपोर्ट भी पहुंचे थे। बाद में पता चला कि एयरपोर्ट के समीप से उनके साथ ही सात भारतीयों का अपहरण कर लिया गया है। स्वजन की मांग पर जिला प्रशासन ने तत्काल भारतीय दूतावास से संपर्क किया और 12 अक्टूबर को वह मुक्त करा लिए गए। दोपहर बाद महेंद्र बोलेरो से गांव पहुंचे, जहां मां सरस्वती देवी ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। जबकि पत्नी सरोज देवी, बेटे आलोक सिंह, बेटी काजल व पूजा के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।

यातना से कांप जा रही महेंद्र की रूह

लीबिया से बदमाशों के चंगुल से मुक्त होकर गांव पहुंचे रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के ग्राम सहोदरपट्टी निवासी महेंद्र सिंह की रूह वहां की यातना से कांप जा रही है। वह कहते हैं गांव में दुकान खोल लेंगे, लेकिन अब कभी भी लीबिया नहीं जाएंगे।

जागरण से बातचीत में महेंद्र ने बताया कि बदमाशों ने उन्हें बंद कमरे में रखा। पहले डंडे से पिटाई की और फिर करंट का झटका दिया। करंट लगते ही ऐसा लगता था कि अब जान नहीं बचेगी। दो दिनों तक कुछ खाने को नहीं दिए। सारा सामन ले लिए। दो दिन बाद दूसरी जगह शिफ्ट कर दिए। वहां पर आंखों से पट्टी व हाथों से बेड़ियां काटी गई। वह कहते थे कि इसमें से तीन की हत्या कर शव फेंक दिया जाए, इसके बाद ही हम लोगों को पैसा मिल सकता है। दोपहर में खाने को ब्रेड देते थे। शौचालय में लगी टोटी का पानी हम लोग 29 दिनों तक पीते रहे। उनके चंगुल से छूटने के बाद भी हम लोग खड़ा होने की स्थिति में नहीं रहे।

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