महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहीं महराजगंज की अंगीरा

गरीब महिलाओं के लिए प्रेरणाश्रोत हैं महराजगंज की अंगीरा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Aug 2018 10:37 AM (IST) Updated:Tue, 07 Aug 2018 10:37 AM (IST)
महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहीं महराजगंज की अंगीरा
महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहीं महराजगंज की अंगीरा

गोरखपुर : यदि आगे बढ़ने की क्षमता हो तो कोई काम मुश्किल नहीं। महराजगंज के जीएम मार्ग पर स्थित कामतारोड पर इंटर कालेज के सामने बैग बनाने वाली स्नातक पास अंगीरा अपनी मेहनत से खुद का परिवार चलाने के साथ ही अन्य युवतियों को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं। लड़खड़ाते परिवार को संभालने के लिए अंगीरा ने अपने इसी हुनर को हथियार बनाया।

जिससे उसका परिवार अब खुशहाल है। उसका पुत्र अंग्रेजी माध्यम के अच्छे स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। इसके अलावा अब वह दूसरी महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं। अब तक 40 से ज्यादा महिलाओं को बैग बनाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। इनमें से 15 ने अब अपने केंद्र खोल लिए हैं। महिलाओं व युवतियों को बैग बनाना सिखाकर अच्छी-खासी इनकम कर रही हैं। अपने हुनर को हथियार बनाकर परिवार का जीवन स्तर सुधारने वाली स्नातक पास गिरिजा की शादी वर्ष 2007 में शिकारपुर निवासी अरविन्द से हुई। अंगीरा के पति अरविन्द एक छोटे किसान हैं। उनके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी। ससुराल में परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसके मन में महिलाओं और युवतियों को बैग बनाना सिखा कर पति की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की इच्छा वर्ष 2013 में जगी। इस कार्य में पति ने सहयोग किया। बैग बनाने का प्रशिक्षण केंद्र खोलने में शुरू में उन्हें तमाम दिक्कतें हुईं। कोई उनसे सीखने को तैयार ही नहीं होता था। इस पर उन्होंने जैसे-तैसे अपने सेंटर के निकट की दो महिलाओं को तैयार किया। उन्हें सिखाने का कोई पैसा भी नहीं लिया, मगर वे जब कुछ तैयार हो गईं और कमाई करने लगीं तो मोहल्ले की तमाम महिलाएं व युवतियां उनके पास बैग बनाना सीखने के लिए आने लगीं। इससे उनके परिवार की आय बढ़ी और जीवन स्तर में सुधार आ गया। गरीबों का रखा ख्याल

जब परिवार के हालात सुधरे तो उनके मन में गरीब महिलाओं का ख्याल आया। ऐसे में उनके लिए अलग से प्रशिक्षण की व्यवस्था की। पति भी उनका सहयोग करने लगे। अब तक 40 से ज्यादा महिलाओं को निश्शुल्क प्रशिक्षण दे चुकी हैं। उनमें से 15 ने खुद के प्रशिक्षण केंद्र खोलकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार ली है। अब उन्होंने गरीब महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प ले रखा है। महिलाएं पढ़ लिखकर ही तरक्की की राह पर चल सकती हैं। आधी आबादी जब आत्मनिर्भर होगी, तभी उसका विकास संभव है। महिलाओं को अपने पैर पर खड़ा करने के लिए मेरे द्वारा पहल की जा रही है।

- अंगीरा, कामता रोड, महराजगंज।

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