छोटी गंडक के घाटों पर बेखौफ खनन करा रहे माफिया, प्रशासन को दे रहे चुनौती
कुशीनगर जिले के कप्तानगंज तहसील क्षेत्र में छोटी गंडक के विभिन्न घाटों पर खनन माफिया बेखौफ होकर बालू का खनन करा रहे हैं। चाह कर भी प्रशासन उन पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। खनन माफिया सरेआम प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर जिले के कप्तानगंज तहसील क्षेत्र में छोटी गंडक के विभिन्न घाटों पर खनन माफिया बेखौफ होकर बालू का खनन करा रहे हैं। चाह कर भी प्रशासन उन पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। खनन माफिया सरेआम प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। नवागत एसडीएम से लोगों को उम्मीद है कि इस धंधे पर लगाम लगेगा। नदी से लगातार बालू निकाले जाने से गर्मी के दिनों में जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। इससे अगल-बगल की कृषि योग्य भूमि ऊसर होने लगी है।
कप्तानगंज तहसील मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर बहती है छोटी गंडक
कप्तानगंज तहसील कार्यालय से कुछ दूर हसनगंज गांव के बगल में छोटी गंडक के घाट को खनन माफिया अपनी काली कमाई का जरिया बन लिए हैं। भिऊरा हसनगंज गांव के सुरेश पासवान, ओमप्रकाश प्रजापति, लालबहादुर, बाबूराम चौहान, रामानंद, रामसूरत, लल्लन पासवान, रमाकांत, जय सिंह, कन्हैया यादव, विक्रम चौहान, रामहित आदि का कहना है कि मजबूत नेटवर्क की वजह से खनन माफिया तहसील प्रशासन को चकमा दे देते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि प्रशासनिक अमले की मिली भगत से ही खनन माफिया बेखौफ होकर खनन करा रहे हैं। प्रशासनिक संरक्षण मिलने की वजह से ही उन पर लगाम नहीं लग पा रही है।
छापेमारी से पहले ही माफिाया को मिल जाती है सूचना
छापामारी से पहले ही इन्हें सटीक जानकारी मिल जाती है। जब तक अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं, धंधेबाज फरार हो जाते हैं। हसनगंज के अलावा सिधावट, रगड़गंज, मिश्रौली, बभनौली, सुअरहा, अकटहां, मठिया, कारी टोला, साहबगंज, मलकुही आदि घाटों से प्रतिदिन बालू लेकर गाड़ियां जाती हैं। बालू का खनन कर मजदूर ट्रालियों पर लोड कर आर्डर वाले गांव में पहुंचा देते हैं।
खनन रोकने के लिए चलाया जाएगा अभियान
कप्तानगंज की एसडीएम कल्पना जायसवाल कहा है कि नदी से बालू का खनन कराना प्रतिबंधित है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो धंधेबाजों को चिह्नित कराया जाएगा। छापामारी अभियान चलाकर दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।