घर को ही बना दिया पुस्तकालय, जानिए कितनी पुस्तकों का है कलेक्शन Gorakhpur News
इंटरनेट मीडिया के युग में भी किताबों का महत्व कम नहीं हुआ है। देवरिया जिले के बरहज में शिक्षक संतोष मद्धेशिया ने अपने घर को लाइब्रेरी बना दिया है। उनकी इस लाइब्रेरी में दो हजार से अधिक पुस्तकें हैं। लोगों को सप्रेम पुस्तकें भेंट करते हैं।
श्रवण गुप्त, गोरखपुर : इंटरनेट मीडिया के युग में भी किताबों का महत्व कम नहीं हुआ है। देवरिया जिले के बरहज में शिक्षक संतोष मद्धेशिया ने अपने घर को लाइब्रेरी बना दिया है। उनकी इस लाइब्रेरी में दो हजार से अधिक पुस्तकें हैं। लोगों को सप्रेम पुस्तकें भेंट करते हैं। बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
अंग्रेजी के प्रवक्ता हैं संतोष
बरहज नगर के आजाद नगर उत्तरी निवासी संतोष मद्धेशिया श्री जवाहर लाल नेहरू रघुनन्दन इंटर कांलेज जमुना मठ कसिली में अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता हैं। उन्हें किताबें पढ़ने व संजोने का शौक है। उनके पास 2000 किताबों का संग्रह है। घर के कमरों में वे इन पुस्तकों को सहेज कर रखते हैं। समय किताबों को पढ़ने में ही गुजारते हैं। इनके संकलन में खेल, राजनीति, धार्मिक, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक सभी प्रकार की किताबें हैं।
बचपन से ही रहा है जुनून
शिक्षक संतोष बताते हैं कि कोलकाता में कक्षा सात के छात्र से शुक्ल सर ने कक्षा में बताया था कि एक शिक्षक की सबसे कीमती संपत्ति पुस्तकें होती हैं। उनके घर गए तो पुस्तकालय देख निश्चय कर लिए की आगे शिक्षक बनकर घर पर पुस्तकालय बनाऊंगा। कक्षा दसवीं की पढ़ाई के दौरान वेदप्रकाश शर्मा, मनोज, नरेंद्र कोहली की किताबें पढ़ता था, जिससे प्रेरणा मिली। कक्षा दस से ही पुस्तकों का संग्रह करने लगे थे। शिक्षक बनने के बाद किताबों को सहेजने लगा।
प्रमुख किताबों का संग्रह
शिक्षक संतोष मद्धेशिया के पुस्तकालय में मुंशी प्रेम चंद्र , कमलेश्वर, डा.रामदरश मिश्र, डा. मिथिलेश्वर का संपूर्ण साहित्य, अटल बिहारी बाजपेयी, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रॉमिस लैंड, हिंदी साहित्य, राजनीति, खेल जगत से जुड़ी पुस्तकों का संग्रह है।
युवाओं के लिए संदेश
इंटरनेट मीडिया पुस्तकों का स्थान नहीं ले सकता। किताबें वास्तव में हमारे सच्चे मार्गदर्शक व मित्र हैं। सुख और दुख दोनों में हमारे साथ रहतीं हैं। पुस्तकों के बीच अपने आप को पाकर इंसान सारे गम भूल जाता है। किताबों में जीवन की सारी चीजें उपलब्ध हैं।