Vaccination in Gorakhpur: गोरखपुर में नियम तार-तार, टीकाकरण के लिए लग रही लंबी कतार
कतार में घंटे भर से पूर्व किसी का नंबर ही नहीं आ रहा है। शांभवी का आरोप है कि केंद्र पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। कोई मास्क पहने हैं तो कोई बिना मास्क के घूम रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। तारामंडल की 20 वर्षीया शांभवी सिंह सोमवार सुबह अपने पापा शैलेंद्र बहादुर सिंह व छोटी बहन स्वरांगी सिंह के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोराबार पर टीका लगवाने गईं। सुबह 9 बजे टीकाकरण के लिए उनका नंबर था। वह केंद्र पर समय से पहुंच भी गईं, लेकिन टीका 11 बजे के बाद लग सका। केंद्र पर टीकाकरण के लिए युवाओं की लंबी कतार है। शांभवी की शिकायत यह है कि जब उन्हें नौ बजे का समय मिला हुआ है तो उन्हें दो घंटे की प्रतीक्षा क्यों करनी पड़ रही है। यह समस्या सिर्फ शांभवी की नहीं, बल्कि केंद्र पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की है।
कतार में घंटे भर से पूर्व किसी का नंबर ही नहीं आ रहा है। शांभवी का आरोप है कि केंद्र पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। कोई मास्क पहने हैं तो कोई बिना मास्क के घूम रहा है। केंद्र पर सैनिटाइजर का भी अभाव दिख रहा है।
बहन को नहीं लग सका टीका
शांभवी की छोटी बहन स्वरांगी ने आरोप लगाया कि उसने अपनी बहन के साथ ही टीकाकरण के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन उसके लिए कोई स्लाट खाली ही नहीं रहा। इसके चलते वह टीका नहीं लगवा सकी। उनके पिता शैलेंद्र बहादुर ने आरोप लगाया कि वह केंद्र पर कोविड टेस्ट कराने के लिए आये हुए थे, लेकिन यहां घोर अनदेखी की जा रही है। भीतर से बुलाकर लोगों का टेस्ट कर दिया जा रहा है। अधिकांश लोग कतार में ही रह जा रहे हैं।
पोर्टल दे रहा लोगों को धोखा
केंद्र पर टीकारण के लिए कतार में खड़े जंगल मातादीन निवासी चिकित्सक नजरुनहक ने कहा कि टीकाकरण के लिए सीट पोर्टल पर फुल दिख रही है। अधिकांश लोगों को इसके चक्कर में कोई केंद्र एलाट ही नहीं हो रहा है। उनके साथ भी ऐसा हुआ। उन्होंने बार-बार रिफ्रेश किया तो खोराबार में केंद्र खाली दिखा।
घंटे भर बाद आया मेरा नंबर
खोराबार विकास खंड के अमहिया की शशिकला ने बताया कि उनके बेटे ने टीकाकरण के लिए पंजीयन किया था। घंटे भर की प्रतीक्षा के बाद उनका नंबर आ गया। टीकाकरण से मन में यह विश्वास है कि अब कोई खतरा नहीं है। फिर भी सावधानी अपनानी पड़ेगी।
युवाओं के लिए सिर्फ चार स्लाट दिख रहे
अलीनगर के एकलव्य टीकाकरण के बाद केंद्र से मुस्कुराते हुए बाहर निकले। उन्होंने कहा कि चलो मेहनत सफल हुई। उन्होंने कहा कि 18 से 44 वर्ष के लिए पोर्टल पर सिर्फ चार ही केंद्र दिख रहे हैं। खोराबार को छोड़कर किसी में जगह खाली नहीं दिखी। ऐसे में घर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी।
मेरा तो आधे घंटे में ही आ गया नंबर
प्यासी गांव की मंजू विश्वास ने बताया कि केंद्र से बाहर निकलने वाला हर कोई यही बता रहा था कि घंटे भर से पहले किसी का नंबर नहीं आ रहा है, लेकिन वह बहुत भाग्यशाली रहीं कि उनका तो आधे घंटे के भीतर ही नंबर आ गया। मौसम भी मेहरबान रहा कि प्रतीक्षा करना खला नहीं।
इससे तो रहेगा संक्रमण का खतरा
केंद्र पर टीकाकरण कराने वालों से सटकर कोविड टेस्ट कराने वालों की भी कतार लगी है। केंद्र पर टीकाकरण कराने आए वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि टेस्ट कराने आए अधिकांश लोगों में संक्रमण का संदेह हैं। लेकिन टीका लगवाने वाले लोग उनसे दूर नहीं हैं। ऐसे में उनमें भी संक्रमण का खतरा रहेगा। खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा.राजेश कुमार का कहना है कि केंद्र पर अधिकांश चीजों का ध्यान रखा जाता है। टीका लगने के बाद काटन जान बूझकर नहीं दिया जाता है। उसे मलना नहीं है। सबके लिए अलग-अलग समय निर्धारित है, लेकिन कोई यदि केंद्र पर पहुंच जा रहा है तो उसे लौटा भी तो नहीं जा सकता है। ऐसे में थोड़ी प्रतीक्षा के बाद उन्हें भी टीका लगा दिया जा रहा है। शारीरिक दूरी के पालन के लिए अक्सर लोगों को टोका जाता है। आगे इस पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।