Oxygen in Gorakhpur: गीडा में आक्सीजन प्लांटों पर लग रही लंबी लाइन, घंटों इंतजार के बाद आ रहा नंबर
प्लांटों पर तैनात अधिकारियों का पहला फोकस अस्पतालों को आक्सीजन देने पर है जिसके चलते होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों के लिए आक्सीजन लेने आने वाले स्वजन को घंटों लाइन में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। आक्सीजन सिलेंडर को लेकर चल रही मारामारी कम होती नजर नहीं आ रही है। प्लांटों पर तैनात अधिकारियों का पहला फोकस अस्पतालों को आक्सीजन देने पर है, जिसके चलते होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों के लिए आक्सीजन लेने आने वाले स्वजन को घंटों लाइन में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ रहा है। हालत यह हो रही है कि जब उनका नंबर आ रहा है तो सिलेंडर भरने वाले स्थान तक भी भीड़ पहुंच जा रही है।
डाक्टर की पर्ची के साथ दूसरे जिलों से भी आ रहे मरीजों के स्वजन
कोरोना महामारी का प्रभाव बढऩे के साथ ही आक्सीजन सिलेंडर की कमी को लेकर हर तरफ हाय तौबा मची हुई है। अस्पतालों के अलावा होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को भी आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है। गीडा के आक्सीजन प्लांटों में आक्सीजन रिफिलिंग की व्यवस्था है। सभी प्लांटों को अस्पतालों की सूची दी गई है और इन्हीं अस्पतालों को वहां से आक्सीजन सिलेंडर दिया जा रहा है। वितरण व्यवस्था पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अधिकारी भी तैनात किए गए हैं। अधिकारियों की प्राथमिकता अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए सिलेंडर देने पर है। एक के बाद एक कई बैच अस्पतालों के सिलेंडर ही भरे जाते हैं। इससे होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए आक्सीजन लेने के लिए लाइन में लगे लोगों को काफी समस्या हो जाती है। यदि बीच-बीच में इनके सिलेंडर का एक बैच भी भर दिया जाए तो भीड़ कुछ कम हो सकती है। सोमवार को सिद्धार्थनगर से आये अब्दुल नईम ने बताया कि 2 दिन से सिलेंडर लेकर आक्सीजन भरवाने आ रहे हैं लेकिन मिल नहीं रहा है। तारामंडल के रणजीत यादव ने कहा कि तीन घंटे लाइन में खड़ा रहने के बाद किसी तरह से आक्सीजन सिलेंडर मिला है। एसडीएम सुरेश राय ने कहा कि समय से सिलेंडर लोगों को दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
फिलिंग प्लेटफार्म तक लोगों का आना खतरनाक
आक्सीजन सिलेंडर भराने के चक्कर में लोग फिङ्क्षलग प्लेटफार्म तक पहुंच जा रहे हैं। नियमानुसार वहां नहीं जाया जा सकता। प्लांट संचालकों को डर है वहां भीड़ कम नहीं हुई तो कभी कोई घटना भी हो सकती है। भीड़ बढ़ी होने से प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी संक्रमण का खतरा है। दो-तीन कर्मचारी इससे प्रभावित हो चुके हैं। आगे और लोग प्रभावित हुए तो प्लांट चलाने में मुश्किल खड़ी हो सकती है।
नहीं चालू हो सकी आक्सीजन की चौथी इकाई
आक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए प्रशासन बीके तरफ से गीडा में तीन आक्सीजन फैक्ट्रियों का संचालन कराया जा रहा है। साथ ही चौथी फैक्ट्री चालू करने के लिए प्रयास हो रहा है लेकिन अभी यह प्लांट चालू नहीं हो सका है। गीडा सेक्टर 13 में स्थित अन्नपूर्णा एयर गैसेज को शुरू करने के लिए प्रशासन व फैक्ट्री मालिक के तरफ से कोशिश हो रही है मगर सोमवार को भी फैक्ट्री से आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी।