Railway News: NER में अब ट्राली बैग लेकर चलेंगे लोको पायलट और गार्ड, यह होगा फायदा
रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही रेलवे की परंपरा समाप्त होगी। बाक्सों को रोजाना ब्रेक यान में चढ़ाने और उतारने की किचकिच से मुक्ति तो मिलेगी ही बिना वजह ट्रेनों की लेटलतीफी भी बंद होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। अब प्लेटफार्मों पर रेलवे के गार्डों और लोको पायलटों के लाइन बाक्स नहीं दिखेंगे। अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही रेलवे की परंपरा समाप्त होगी। बाक्सों को रोजाना ब्रेक यान में चढ़ाने और उतारने की किचकिच से मुक्ति तो मिलेगी ही, बिना वजह ट्रेनों की लेटलतीफी भी बंद होगी। लोको पायलट और गार्ड अब लाइन बाक्स की जगह खुद आधुनिक सुविधाओं से युक्त ट्राली बैग लेकर चलेंगे।
इज्जतनगर मंडल में मिलने लगा बैग, लखनऊ व वाराणसी में भी जल्द शुरू होगी व्यवस्था
पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में प्रयोग के तौर पर ट्राली बैग देने की शुरुआत हो गई है। मिल रहे फीडबैक के आधार पर रेलवे का यह प्रयोग सफल है। ऐसे में जल्द ही लखनऊ और वाराणसी मंडल के लोको पायलटों और गार्डों को भी यह सुविधा मिलने लगेगी। जानकारों के अनुसार ट्राली बैग लेकर चलने में लोको पायलटों और गार्डों को काफी सहूलियत मिल रही है। उन्हें बाक्स को लेकर परेशान नहीं होना पड़ रहा।
दरअसल, बाक्स को चढ़ाने, उतारने और उसे सुरक्षित स्थल पर पहुंचाने के लिए पोर्टर तैनात रहते हैं। अब पोर्टर की जिम्मेदारी भी निजी कर्मचारी निभाने लगे हैं। लेकिन पोर्टरों की उदासीनता के चलते स्टेशन प्रबंधन और गार्डों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समय से बाक्स नहीं चढऩे के चलते ट्रेनें लेट भी हो जाती हैं। ट्रेनों से उतारने के बाद पोर्टर बाक्स को प्लेटफार्मों पर खुले में छोड़ देते हैं। ऐसे में सामानों की चोरी की आशंकाएं भी बनी रहती हैं। बाक्स चढ़ाने, उतारने और खींचने में ब्रेकयान सहित प्लेटफार्मों के फर्श भी क्षतिग्रस्त होते हैं।
बाक्स में रखी जाने वाली सामग्री
टेल लैंप, हैंड सिग्नल, टार्च, पटाखा, लास्ट वेहिकल बोर्ड, फास्र्ट एड बाक्स, नियमावली पुस्तिकाएं व अन्य संबंधित जरूरी सामग्री।
व्यवस्था को और बेहतर तथा समसामयिक रूप से प्रभावशाली बनाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में लोको पायलट एवं गार्ड को प्रयोग के तौर पर लाइन बाक्स की जगह ट्राली बैग दिया गया है। फीडबैक के आधार पर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे