Railway News: अफसरों की नजर के सामने होंगे लोको पायलट और इंजन के सिस्टम
ट्रेन संचालन के दौरान अधिकतर लोको पायलट निर्धारित नियम और शर्तों का अनुपालन नहीं करते। अक्सर सिस्टम भी जवाब दे जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसलिए रेलवे ट्रेनों के इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने जा रहा है।
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। सिग्नल सामने होने पर लोको पायलट और सहायक लोको पायलट आपस में समन्वय स्थापित कर रहे हैं या नहीं। इंजन के अंदर की व्यवस्था और सामने रेल लाइन दुरुस्त है या नहीं। संबंधित अधिकारी और कंट्रोलर अपने दफ्तर से भी इसकी निगरानी कर सकेंगे। अब लोको पायलट और इंजन के सिस्टम अफसरों की नजर के सामने होंगे। इसके लिए इंजनों में सीसी कैमरे लगाए जाएंगे।
एनईआर से हुई शुरुआत
परीक्षण के तौर पर पूर्वोत्तर रेलवे में भी इसकी शुरुआत हो गई है। पांच इलेक्ट्रिक इंजनों में कैमरे लग चुके हैं। प्रयोग सफल रहा तो आने वाले दिनों में सभी इंजनों में कैमरे लगाए जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत इंजन में छह कैमरे लगाए जाने हैं। चार कैमरे इंजन के अंदर दोनों छोर पर एक-एक गतिविधियों पर नजर रखेंगे। दो कैमरे इंजन के आगे लगेंगे, जिनकी निगाह रेल लाइनों पर होगी। इंजन ही नहीं पटरियां भी कैमरे की जद में होंगी। जानकारों के अनुसार कैमरे लग जाने से दुर्घटनाओं पर अंकुश तो लगेगा ही, किसी भी दुर्घटना के कारणों का पता भी लग जाएगा।
इसलिए हुआ यह निर्णय
दरअसल, ट्रेन संचालन के दौरान अधिकतर लोको पायलट निर्धारित नियम और शर्तों का अनुपालन नहीं करते। अक्सर, सिस्टम भी जवाब दे जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यहां जान लें कि यात्री ट्रेनों के कोचों में भी सीसी कैमरे लगाने की तैयारी है। आने वाले दिनों में इसकी भी शुरुआत हो जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही चोरी, छिनैती और पाकेटमारी पर पूरी तरह अंकुश लगेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे में कुल पांच इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (इंजन) में प्रायोगिक तौर पर सीसी कैमरे लगाए गए हैं। इसका उद्देश्य किसी घटना/दुर्घटना की स्थिति में इंजन में लोको पायलट/ सहायक लोको पायलट की एक्टिविटी तथा ट्रैक एवं ओवर हेड इक्यूपमेंट (ओएचइ) की स्थिति का अवलोकन करना है। एक लोकोमोटिव में कुल चार कैमरे लगाए गए हैं। दो इंजन के अंदर तथा दो बाहर की हेडलाइट के नीचे लगाए गए हैं। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।