भाजपा में शुरू हुई जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़, संगठन पर भारी पड़ रहा वंशवाद

पंचायत चुनाव की घोषणा के समय भाजपा ने इस बात के संकेत दिए थे कि कोई जनप्रतिनिधि अपने पारिवारिक सदस्य को चुनाव में नहीं उतारेगा। हालांकि जिला पंचायत के टिकट वितरण और नामांकन में इसे दरकिनार कर दिया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 12:40 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 09:30 AM (IST)
भाजपा में शुरू हुई जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़, संगठन पर भारी पड़ रहा वंशवाद
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए गोरखपुर में लाबिंग शुरू हो गई है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

रजनीश त्रिपाठी, गोरखपुर। गोरखपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखी को लेकर भाजपा में चल रही अंदरुनी जोर आजमाइश, अब अंतकर्लह और खींचतान तक पहुंच गई है। अपने बेटे, बहू, पत्नी को जिताकर उन्हें अध्यक्ष का ताज पहनाने का ख्वाब देखने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ उन सदस्यों ने मोर्चो खोल दिया है, जो भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर पंचायत चुनाव में सदस्य निर्वाचित हुए हैं।

कार्यकर्ताओं के सुर को दबाने और एक-दूसरे की मदद करने की शर्त पर जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने भी हाथ मिला लिया है। रविवार को भाजपा के कई जिला पंचायत सदस्यों ने बैठक कर वंशवाद को प्रश्रय देने के खिलाफ न केवल भड़ास निकाली बल्कि आगे की रणनीति भी तैयार की। हालांकि जनप्रतिनिधि या संगठन स्तर पर इस मामले में अभी सभी ने चुप्पी साध रखी है। 

बेटे, बहू, पत्नी को जिताने के लिए एकजुट हुए जनप्रतिनिधि व पार्टी पदाधिकारी

पंचायत चुनाव की घोषणा के समय भाजपा ने इस बात के संकेत दिए थे कि कोई जनप्रतिनिधि अपने पारिवारिक सदस्य को चुनाव में नहीं उतारेगा। हालांकि जिला पंचायत के टिकट वितरण और नामांकन में इसे दरकिनार कर दिया गया। कई जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने अपनी पत्नी, बहू, बेटे को न केवल चुनाव लड़ाया बल्कि कई को निर्विरोध भी जिताया। बारी जब ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनने की आई तो जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी अपने पारिवारिक सदस्यों को जिताने के लिए न केवल एकजुट हो गए बल्कि अपने-अपने इलाके में जोड़-तोड़ भी शुरु कर दी। जिनके पारिवारिक सदस्य मैदान में नहीं हैं वह भी जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने क्षेत्र के सदस्यों को दूसरे जनप्रतिनिधि के पक्ष में करने के लिए लग गए। 

सदस्यों ने खोला मोर्चा

चर्चा तो यहां तक है कि एक प्रभावशाली नेता ने कई सदस्यों का प्रमाणपत्र भी जमा करा लिया है। भाजपा की नीतियों के विपरीत पार्टी में वंशवाद को बढ़ावा देने और नाम की घोषणा हुए बगैर ही अध्यक्ष पद की तैयारी शुरु कर देने वालों के खिलाफ उन सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है, जो किसी आम कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं। 

भाजपाइयों की रणनीति में निर्दल सदस्य भी शामिल  

भाजपा के जिला पंचायत सदस्यों ने रविवार को टाउनहाल स्थित होटल में बैठक कर वंशवाद के खिलाफ न केवल भड़ास निकाली, बल्कि अध्यक्ष पद को लेकर रणनीति भी तैयार की। दोपहर 12 शुरू हुई बैठक में भाजपा के 13 जबकि पांच निर्दल जिला पंचायत सदस्य भी शामिल हुए। बैठक की शुरुआत करते हुए सदस्य ने कहा कि अध्यक्ष पद पर बड़े और प्रभावशाली लोग बैठ जाते हैं तो वह किसी आम सदस्य की बात और समस्याएं नहीं सुनते। न ही कोई सदस्य उन तक अपनी बात पहुंचा पाता है। 

जिला पंचायत सदस्य पांच साल तक क्षेत्र में कोई काम नहीं करा पाते, जिसकी वजह से जनता अगली बार उन्हें मौका नहीं देती। एक सदस्य ने कहा कि भाजपा कभी भी वंशवाद को बढ़ावा नहीं देती है, बावजूद इसके कुछ लोग खुद तो पद पर बैठे ही हैं अब पत्नी, बहू, बेटे सभी को कोई न कोई पद दिलाना चाहते हैं, ऐसे में आम कार्यकर्ताओं को मौका कैसे मिलेगा। एक सदस्य ने कहा जब पार्टी ने अब तक अध्यक्ष पद के लिए किसी के  नाम की घोषणा नहीं की है तो कुछ लोग अभी से क्यों तैयारी कर रहे हैं। आगे की रणनीति के सवाल पर सदस्यों में सहमति बनी कि अगर पार्टी ने किसी साधारण कार्यकर्ता को मौका नहीं दिया तो वह भी समर्थन देने पर नए सिरे से विचार करेंगे।

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