U.P Board: परीक्षा केंद्र नहीं बनने वाले विद्यालयों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक

डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का कहना है कि बोर्ड ने जिन छह केंद्रों को इस बार केंद्र नहीं बनाया है उनकी संख्या छह है। इनमें से कुछ ने प्रत्यावेदन नहीं दिए थे। कुछ विद्यालयों के परिक्षेत्र में परीक्षार्थियों का समायोजन हो गया था।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 10:51 AM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 12:16 PM (IST)
U.P Board: परीक्षा केंद्र नहीं बनने वाले विद्यालयों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक
डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। यूपी बोर्ड ने ऐसे विद्यालयों की सूची सार्वजनिक कर दी है जो अंतिम दौर में केंद्र बनने की दौड़ से बाहर हो गए। इनमें जनपद के छह विद्यालय शामिल हैं। यह वह विद्यालय हैं जो वर्ष 2020 की परीक्षा में केंद्र थे, लेकिन इस बार मानक पूरा करने के बाद उन्हें केंद्र नहीं बनाया गया। वजह साफ है। इनमें से कुछ विद्यालयों ने जहां केंद्र बनने को लेकर प्रत्यावेदन नहीं किया था वहीं कुछ जनपदीय समिति से सभी छात्राें का समायोजन हो जाने के कारण परीक्षा केंद्र नहीं बन सके।

अंतिम दौर में केंद्र की दौड़ से बाहर हो गए छह स्कूल

बोर्ड से 210 परीक्षा केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी होने के बाद डीआइओएस ने 30 जनवरी तक प्रधानाचार्यों से आपत्ति मांगी थी। आपत्तियों के निस्तारण के लिए छह फरवरी को जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति की बैठक हुई। जिसमें बोर्ड की प्रस्तावित सूची से बाहर किए गए पूर्व में केंद्र बने 29 विद्यालयों के फिर से सत्यापन करने का समिति अध्यक्ष ने निर्देश दिया था, लेकिन जिन विद्यालयाें ने पुन: केंद्र न बनाए जाने को लेकर प्रत्यावेदन नहीं दिया था या फिर जहां प्रबंधकीय विवाद था उन पर विचार नहीं किया गया। साथ ही कुछ विद्यालय परिक्षेत्र में परीक्षार्थियों का समायोजन पूर्ण हो जाने के कारण उन्हें इस बार केंद्र बनने से वंचित रहना पड़ा।

यह हैं जिले के वह छह विद्यालय

आदर्श इंटर कालेज हरदीचक, गोरखपुर।

डा.आरएमएलपी इंटर कालेज कजाकपुर, गोरखपुर।

श्रीरामदेव जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनईचा, गोरखपुर।

श्रीमती कमला देवी इंटर कालेज उरुवा, गोरखपुर।

श्रीदीनानाथ कृषक इंटर कालेज विचऊपुर मरहठा, गोरखपुर।

मां गायत्री एकेडमी, नौसढ़ जवाहर चक, गोरखपुर।

बैठक में परीक्षा केंद्र बनाने पर नहीं हुआ विचार

डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का कहना है कि बोर्ड ने जिन छह केंद्रों को इस बार केंद्र नहीं बनाया है उनकी संख्या छह है। इनमें से कुछ ने प्रत्यावेदन नहीं दिए थे। कुछ विद्यालयों के परिक्षेत्र में परीक्षार्थियों का समायोजन हो गया था। इस कारण उन्हें जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति की बैठक में परीक्षा केंद्र बनाने पर विचार नहीं किया गया।

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