कोरोना संक्रमण में मांग बढ़ते ही नीबू हुआ महंगा, दो की जगह दस रुपये में बिक रहा एक नीबू

आम दिनों में दस रुपये में पांच पीस मिलने वाला नीबू अब दस रुपये में एक मिल रहा है। इससे सस्ता जो नीबू मिल रहा है उसमें रस नहीं निकल रहा। नीबू कारोबारियों के मुताबिक कम उत्पाद और मांग अधिक होने के कारण इसकी कीमतों में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 07:19 PM (IST)
कोरोना संक्रमण में मांग बढ़ते ही नीबू हुआ महंगा, दो की जगह दस रुपये में बिक रहा एक नीबू
कोरोना संक्रमण बढ़ते ही नींबू का मूल्‍य बढ़ गया है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। गर्मी के दिनों में तेज धूप से राहत देने के लिए सबसे सस्ते पेय के रूप में मशहूर नीबू पानी की अब महंगा हो गया है। आम दिनों में दस रुपये में पांच पीस मिलने वाला नीबू अब दस रुपये में एक मिल रहा है। इससे सस्ता जो नीबू मिल रहा है उसमें रस नहीं निकल रहा। नीबू कारोबारियों के मुताबिक कम उत्पाद और मांग अधिक होने के कारण इसकी कीमतों में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है। 

थोक में बढ़ गई कीमत

महेवा मंडी में ही नीबू 550 से लेकर 750 रुपये सैकड़ा तक बिका। इस पर फुटकर विक्रेताओं ने प्रति पीस दो से तीन रुपये मुनाफा रख ग्राहकों को बेचा। रविवार को किसी भी सब्जी के ठेले पर नीबू नजर नहीं आया। विक्रेताओं ने बताया कि मांग ज्यादा है इसलिए शनिवार को ही सभी नीबू बिक गए थे। सोमवार को मंडी खुलने पर ही नीबू उपलब्ध हो पाएगा। जाफरा बाजार के सब्जी विक्रेता साहेब ने बताया कि नीबू तो पूरे साल बिकता है, लेकिन गर्मी एवं रमजान में इसकी खपत पांच गुना तक बढ़ जाती है। 

दक्षिण भारत से आ रहा है नीबू

बहुत से रोजेदार सिर्फ नीबू का शर्बत पीना पसंद करते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं। मंडी में फिलहाल दक्षिण भारत से नीबू की आपूर्ति हो रही है। आसपास के इलाकों में नीबू का उत्पादन होने तक यही कीमत बनी रहेगी। सूरजकुंड निवासी सुनील मिश्रा ने बताया कि गर्मी में नीबू का रस ताजगी देता है, लेकिन इन दिनों नीबू ने ताजगी तो दूर जेब का हाल ही बिगाड़ कर रख दिया है। पहले 10 रुपये में पांच नीबू मिला करता है जो अब एक हो गया है वह भी बहुत छोटा। 

बड़े काम का है नीबू

विटामिन सी की सबसे ज्यादा मात्रा नींबू में मिलती है। नींबू से मिलने वाली विटामिन सी टैबलेट रूप में खाने वाली विटामिन सी के मुकाबले शरीर में बनने वाली विटामिन के साथ मिलकर लंबे समय तक शरीर में रहती है। कोरोना फेफड़े पर प्रभाव डालता है, विटामिन सी फेफड़े के प्रभावित स्थान पर तेजी से पहुंचकर बीमारी से मुकाबला करती है। इसे देखते हुए विटामिन सी का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है।

सब्जी भी हो सकती है महंगी 

फल के साथ-साथ सब्जियां भी महंगी होने वाली है। दरअसल गर्मी में सब्जियों की पैदावार न सिर्फ कम हो जाती है, बल्कि जल्द ही खराब भी हाे जाती है। यही वजह है कि गर्मी के मौसम के सब्जियों के दाम दोगुने तक हो जाते हैं। मंडी में ही इन दिनों महंगी सब्जी मिल रही है। लौकी का सीजन शुरू हो गया है, लेकिन लौकी 30 रुपये किलो चल रही है। आड़तियों का कहना है कि सब्जी की आमद कम होने से दाम बढ़े हैं। लग्न में मांग बढ़ने से कीमतों में और बढ़ोतरी संभव है।

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