इस माह से घर बैठे बनेगा चालकों का लर्निंग लाइसेंस, बाराबंकी में चल रहा ट्रायल

अब लर्निंग लाइसेंस के लिए वाहन चालकों को एआरटीओ कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सरकार की पहल पर घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। प्रदेश के सभी जनपदों में भी इस माह से यह सुविधा वाहन चालकों को मिलने लगेगी।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 01:15 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 01:15 PM (IST)
इस माह से घर बैठे बनेगा चालकों का लर्निंग लाइसेंस, बाराबंकी में चल रहा ट्रायल
अब घर बैठे बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अब लर्निंग लाइसेंस के लिए वाहन चालकों को एआरटीओ कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सरकार की पहल पर घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। गोरखपुर व देवरिया समेत प्रदेश के अन्य जनपदों में भी इस माह से यह सुविधा वाहन चालकों को मिलने लगेगी।

आरटीओ कार्यालय का नहीं लगाना पडेगा चक्‍कर

लर्निंग लाइसेंस के लिए वाहन चालक अभी तक एआरटीओ कार्यालय का चक्कर लगाते रहे हैं। साथ ही उन्हें परीक्षा भी देने एआरटीओ कार्यालय आना पड़ता था। लेकिन नई व्यवस्था से एआरटीओ कार्यालय आने की जरूरत आवेदक को नहीं होगी। इसके लिए आरटीओ का पोर्टल अपडेट कर दिया गया है। ट्रायल पूरा होते ही प्रदेश के सभी शहरों में यह व्‍यवस्‍था प्रभावी हो जाएगी। 

आनलाइन जमा होगा आवेदन और शुल्‍क

आवेदन और फीस जमा करने की आनलाइन व्यवस्था की गई है। आवेदक को आनलाइन फार्म भरना होगा। आधार से लिंक करते ही आवेदक का पूरा ब्योरा आ जाएगा। आवेदक को कागजात की जांच के लिए कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। फीस जमा करने, सिग्नेचर अपलोड किए जाने, स्लाट लेने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। इसके बाद आवेदक को समय मिलेगा, निर्धारित समय में आनलाइन परीक्षा आवेदक को देनी होगी। परीक्षा में कुल 16 प्रश्न पूछे जाएंगे। आवेदक को उसको हल करना होगा। परीक्षा उत्‍‍‍‍‍‍‍तीर्ण करनेे वाले आवदेेक अर्ह माने जाएंगे। 

सितंबर से लागू हो जाएगी नई व्‍यवस्‍था

देवरिया के आरटीओ राजीव चतुर्वेदी बताते हैं कि लर्निंग लाइसेंस घर बैठे बनाने की व्यवस्था की जा रही है। बाराबंकी में इसका ट्रायल चल रहा है। 15 सितंबर के बाद देवरिया सहित अन्‍य जिलों में इसकी व्यवस्था लागू हो जाएगी।

यह भी जानिए

देवरिया जिले में साढ़े तीन लाख बाइक, 20 हजार कार, ट्रक, बस समेत 20 हजार, ट्रैक्टर 12 हजार, आटो छह हजार, ढाई हजार ई-रिक्शा समेत कुल साढ़े चार लाख वाहन हैं। तीन लाख के करीब अब तक ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस तैयार हो चुके हैं।

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