गोरखपुर ही नहीं वाराणसी और अयोध्या भी है लश्‍कर आतंकियों के निशाने पर Gorakhpur News

लश्‍कर का आतंकी मो. उमर मदनी मार्च और मई में नेपाली मूल के एक युवक के साथ गोरखपुर वाराणसी और अयोध्या की यात्रा कर महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 10:38 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 03:29 PM (IST)
गोरखपुर ही नहीं वाराणसी और अयोध्या भी है लश्‍कर आतंकियों के निशाने पर Gorakhpur News
गोरखपुर ही नहीं वाराणसी और अयोध्या भी है लश्‍कर आतंकियों के निशाने पर Gorakhpur News

गोरखपुर, नवनीत प्रकाश त्रिपाठी। नेपाल के रास्ते कुछ आतंकियों के गोरखपुर होते हुए भारत में घुसने की खबर और खुफिया एजेंसियों की तरफ से जारी अलर्ट के बाद गोरखपुर व आसपास के जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बताते हैं कि इन आतंकियों को गोरखपुर में प्रवेश कराने में नेपाल में ठिकाना बनाए लश्कर आतंकी मो. उमर मदनी की भूमिका है। मो. उमर मदनी मार्च और मई में नेपाली मूल के एक युवक के साथ गोरखपुर, वाराणसी और अयोध्या की यात्रा कर महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी। इन शहरों में रुककर उसके कुछ लोगों से मिलने की भी सूचना खुफिया एजेंसियों को मिली है।

भारत में 10 साल की सजा काट चुका लश्कर आतंकी

लश्कर आतंकी मो.उमर मदनी 15 साल पहले दिल्ली में अमेरिकी डालर और पाकिस्तान में छपी पांच लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया गया था। उस समय खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि टेरर फंडिंग के लिए मदनी, रुपये लेकर भारत आया था। बाद में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी। वर्ष 2016 में उसकी सजा पूरी हुई थी। जेल से छूटने के बाद नेपाल में जनकपुर जिले के बलकटवा में उसने अपना ठिकाना बना लिया है। बताते हैं कि वहीं से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपिंग माड्यूल तैयार करने में जुटा है।

खुफिया एजेंसियों ने पहले ही जारी की थी चेतावनी

जम्मू और कश्मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद बौखलाए आतंकियों के समुद्री सीमा या नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने की कोशिश की खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी जारी की थी। बताते हैं कि इसको देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां चूंकि पहले से सतर्क हैं, इसलिए आतंकियों ने भारत और नेपाल को जोडऩे वाली पगडंडियों का सहारा लिया है।

गोरखपुर में हो चुके हैं सीरियल ब्लास्ट

22 मई 2007 को गोरखपुर  शहर के गोलघर में शाम को सात बजे पांच-पांच मिनट के अंतराल पर एक के बाद एक तीन ब्लास्ट हुए थे। इसमें दर्जन भर से अधिक लोग घायल हुए थे। बाद में एसटीएफ ने इस घटना में शामिल एक आंतकी को सिद्धार्थनगर में नेपाल सीमा से और दो को बाराबंकी जिले से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उन्होंने वर्ष 2007 में ही प्रदेश के तीन शहरों की कचहरियों में हुए सीरियल ब्लास्ट को भी अंजाम देने की बात कबूल की थी।

गोरखपुर के नकहा रेलवे स्टेशन के पास आतंकियों के देखे जाने की उड़ी अफवाह

गोरखपुर के चिलुआताल इलाके मेें नकहा रेलवे स्टेशन के पास पांच आतंकियों को देखे जाने की अफवाह गुरुवार को दिन भर उड़ती रही। इस अफवाह ने इतना तूल पकड़ा कि एसएसपी डा.सुनील गुप्त को आधिकारिक रूप से बयान जारी कर अफवाह को पूरी तरह से निराधार बताना पड़ा। बताते हैं कि मध्य पूर्व रेलवे के समस्तीपुर मंडल के सुरक्षा आयुक्त का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस अफवाह ने जोर पकड़ा। एसएसपी ने बताया कि विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से बात करने पर पता चला कि एक माह पहले ही सुरक्षा आयुक्त के पत्र से मिली जिस सूचना के आधार पर छानबीन की जा रही है, उसी पत्र को किसी ने फिर से वायरल कर दिया है। हालांकि उन्होंने एहतियात के तौर पर सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखने की बात कही है।

सर्विस सेंटर पर दिखे थे संदिग्‍ध

सुरक्षा आयुक्त के पत्र में लिखा गया है कि 16 सितंबर को नकहा जंगल रेलवे क्रासिंग के पास स्थित गाडिय़ों के एक सर्विस सेंटर पर एक व्यक्ति ने स्विफ्ट कार सवार पांच संदिग्ध लोगों को देखा था। वे आपस में बात कर रहे थे कि इस दीपावली पर काफी धमाका होगा, जिसे पूरा ङ्क्षहदुस्तान याद रखेगा। एसएसपी के मुताबिक इसकी जानकारी गोरखपुर पुलिस को पहले ही हो गई थी। इसलिए पहले ही सतर्कता बरतते हुए इसकी जांच कराई गई थी। इसी बीच गुरुवार को एक टीवी चैनल पर गोरखपुर में आतंकी पकड़े जाने की सूचना चलाई जाने लगी, जिससे हड़कंप मच गया। एसएसपी के निर्देश पर कराई गई जांच में खबर निराधार निकली।

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