अंतरराष्ट्रीय मैत्री संबंधों की उड़ान का रनवे बनेगा कुशीनगर

कुशीनगर में बौद्ध देशों के प्रतिनिधियों के बीच पीएम मोदी आज देश को अर्पित करेंगे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देशी-विदेशी विमानन और ट्रैवल कंपनियों के प्रतिनिधि होंगे शामिल बौद्ध देशों के लिए मिलेगी सीधी उड़ान श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल के साथ बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली में चढ़ाएंगे चीवर श्रीलंका से आ रहा धातु अवशेष।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:05 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:05 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय मैत्री संबंधों की उड़ान का रनवे बनेगा कुशीनगर
अंतरराष्ट्रीय मैत्री संबंधों की उड़ान का रनवे बनेगा कुशीनगर

बृजेश दुबे, कुशीनगर : अंतरराष्ट्रीय मैत्री संबंधों की उड़ान का रनवे बनने जा रहा है कुशीनगर। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश को अर्पित करेंगे, विमानन एवं टूर एंड ट्रैवल कंपनियों के प्रतिनिधि खास तौर पर मौजूद होंगे। प्रधानमंत्री अपने 30 मिनट के संबोधन में कुशीनगर और बौद्ध परिपथ में पर्यटन और विकास की संभावनाओं पर बात करेंगे। श्रीलंका से 123 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर आ रहा बोइंग विमान इस लोकार्पण अवसर का साक्षी बनेगा और बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली से बौद्ध देशों के लिए सीधी उड़ान सेवा की सुविधा होने का संदेश देगा। प्रधानमंत्री बौद्ध देशों के लिए सीधी उड़ान पर भी चर्चा करेंगे।

589 एकड़ में 260 करोड़ की लागत से बना कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक हवाई अड्डे वाला प्रदेश बन जाएगा। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजु, केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद यशो नाइक, केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ राज्य सरकार के मंत्री के साथ देश-विदेश की विमानन कंपनियों, बौद्ध परिपथ के प्रमुख होटल, टूर एंड ट्रैवल कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्हें बौद्ध परिपथ के विकास की सलाइड दिखाकर निवेश के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा।

श्रीलंका, थाइलैंड, मयांमार, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान, कंबोडिया समेत विभिन्न देशों से प्रति वर्ष लाखों की संख्या में बौद्ध अनुयायी भारत आते हैं। वह बोधगया, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती के साथ कुशीनगर भी जरूर आते हैं। यह हवाई अड्डा उन्हें बौद्ध परिपथ के सबसे महत्वपूर्ण स्थान से जोड़ेगा। वह सीधे कुशीनगर पहुंच सकते हैं। उद्घाटन अवसर पर बुधवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के बेटे केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री नामल राजपक्षे के नेतृत्व में श्रीलंका सरकार के पांच मंत्री भी पहुंच रहे हैं। इस दौरान आधिकारिक वार्ता की पुष्टि तो नहीं की जा रही, लेकिन सूत्र कह रहे हैं कि दोनों देशों के नागर विमानन और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय से जुड़े मंत्रियों व अधिकारियों की मौजूदगी पर्यटन विकास की संभावनाओं को करार की राह पर ला सकती है। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद यहां नौै कक्षों में बैठकर वार्ता की व्यवसथा भी की गई है।

इसी प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका 12 सदस्यीय पवित्र स्मृति चिह्न दल भी होगा, जो दक्षिण श्रीलंका के वासकाडुवा श्री सुबुद्धि राजविहार मंदिर से बुद्ध का धातु (अस्थि) अवशेष लेकर आ रहे हैं। हीनयान पद्धति से पूजा अर्चना के बाद यह धातु अवशेष मंदिर में प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। प्रधानमंत्री इस प्रतिनिधिमंडल के साथ अभिधम्म समारोह में शामिल होंगे। महापरिनिर्वाण मंदिर में बुद्ध प्रतिमा पर चीवर चढ़ाएंगे और भिक्षुओं को चीवर दान करेंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका में बौद्ध धर्म की सभी चार शाखाओं यानी असगिरिया, अमरपुरा, रामन्या और मालवट्टा के अनुनायक (उपप्रमुख) भी शामिल होंगे। इसे श्रीलंका के साथ मैत्री संबंधों का नया आयाम माना जा रहा है।

मेडिकल कालेज का करेंगे शिलान्यास

प्रधानमंत्री यहां 180.6 करोड़ रुपये की लागत से 12 परियोजनाओं और 281 करोड़ से बनने वाले मेडिकल कालेज का शिलान्यास करेंगे। बरवा फार्म में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

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