कोविड ने घटाई दिलों की दूरी, घटा मौतों का आंकड़ा

सामान्य मौतों में कमी आईसड़क हादसों का ग्राफ भी काफी गिरा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 06:48 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 06:48 AM (IST)
कोविड ने घटाई दिलों की दूरी, घटा मौतों का आंकड़ा
कोविड ने घटाई दिलों की दूरी, घटा मौतों का आंकड़ा

बस्ती, जेएनएन : कोविड-19 महामारी ने आपसी कटुता दूर की तो मौतों का आंकड़ा भी घटाया। जी हां,बड़ी संख्या में परदेश में रहने वाले कोरोना से हुए लॉकडाउन में गांवों की ओर लौटे। बस्ती जिले में ही यह संख्या एक लाख के ऊपर है। संकट के इस दौर में दिलों की दूरी मिटी तो संबंध की डोर भी मजबूत हुई। सामान्य और सड़क हादसे में होने वाले मौतों में भी कमी आई है। यहां अब तक कोरोना पॉजिटिव के 3165 मरीज पाए गए जिसमें से 62 की मौत हो गई। इसी अवधि में दूसरी वजहों से 163 की जान चली गई। सामान्य मौतों में कमी आई तो सड़क हादसों का ग्राफ भी काफी नीचे आ गया। कोरोना से जिन 62 लोगों की मौत हुई है उनमें 56 लोग एक से दो तरह की गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इसी अवधि में सामान्य रूप से 26 की मौत हुई है जबकि 2019 में 27 की मौत हुई थी। तुलनात्मक आंकड़ों पर गौर करें तो सड़क हादसे में इस साल अप्रैल से लेकर अब तक 84 की मौत हुई है। इसी अवधि में 2019 में 127 की मृत्यु हुई थी। आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ी है। 2019 में जहां आत्महत्या करने वालों की संख्या 20 थी, वहीं बढ़कर 47 तक पहुंच गई है। बिजली गिरने से इस साल छह की जान चली गई। पिछले साल यह संख्या शून्य थी। जरूरी होने पर ही बाहर निकलें

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन रामजी सोनी का कहना है कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घरों में ही लोग रहे। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। एकांकी जीवन जीने वालों के चेहरे पर मुस्कान लौटी तो संयुक्त परिवार की अवधारणा भी समझ में आई। छोटी सी बीमारी पर डाक्टर के पास पहुंचने और भर्ती होने तथा दवाओं के सेवन में भी इस बीच काफी कमी आई है। एलोपैथी दवाओं के फायदे हैं तो साइड इफेक्ट भी। हार्ट अटैक के मामले भी कम हो गए हैं। एलर्जी और संक्रमण से फैलने वाली अन्य बीमारियों में भी कमी आई है। उन्होंने कहा संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाएं तथा शारीरिक दूरी बनाए रखें। हाथ, मुंह की सफाई करते रहें। योगा और मार्निंग वाक से खुद को रखें स्वस्थ वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा.अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल से प्रदूषण के स्तर में कमी देखने को मिल रही है। इसके चलते अस्थमा और एलर्जी के रोगी कम हुए हैं। संतुलित खानपान और योगा से फिट होने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। कहा मार्निंग वाक और योगा का सहारा लेकर ऐसे रोगी दवाओं के सेवन से बच सकते हैं। बदले माहौल में जिस जीवन पद्धति पर चल रहे हैं आगे भी जारी रखें तो काफी फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा मास्क के प्रयोग से कोरोना ही नहीं अन्य संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। कोरोना को लेकर सावधानी बरतें। यदि किसी की सात दिन से सांस फूल रही है तो उसे कोविड की जांच करानी चाहिए। यह कोई जरूरी नहीं है कि साथ में बुखार हो तभी कोरोना हो सकता है। बस्ती में रिकबरी रेट 82 फीसद

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि जिले में कोरोना का रिकवरी रेट 82 फीसद है जबकि मृत्यु दर दो फीसद है। अप्रैल से लेकर अब एक लाख पांच सौ संदिग्धों के सैंपल जांच को लिए गए। इसमें से 96198 निगेटिव पाए गए। 3165 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए जिसमें से 2658 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।

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