कुशीनगर में पर्यटन आश्रित 500 लोगों पर कोविड की मार

कुशीनगर में पर्यटन कारोबार को कोरोना संक्रमण के दौरान काफी झटका लगा है इस व्यवसाय से जुड़े लोग वैकल्पिक रोजगार तलाश रहे है मंदी से होटल व्यवसाय पर भी पड़ा असर समान बेचने वाले और गाइड का कार्य करने वाले विदेशी पर्यटकों के न आने से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:00 AM (IST)
कुशीनगर में पर्यटन आश्रित 500 लोगों पर कोविड की मार
कुशीनगर में पर्यटन आश्रित 500 लोगों पर कोविड की मार

कुशीनगर : कुशीनगर में पर्यटन से जीविका चला रहे लगभग 500 से अधिक कर्मी बेहाल हैं। यह लोग नया काम धंधा ढूंढने में लगे हैं।

कुशीनगर में पर्यटन क्षेत्र में गाइड, वेटर, कुक, अस्टिटेंट, अकाउंटेंट, सफाईकर्मी, ट्रैवेल एजेंट, ड्राइवर आदि को रोजगार मिला है। आर्ट एंड क्राफ्ट समेत पर्यटन पर आश्रित रेहड़ी दुकानदारों की आजीविका भी इसी पर ही आश्रित है। विदेशी पर्यटकों के न आने से बौद्ध विहारों में दिखने वाली रौनक भी गायब है। कुशीनगर में तीन थ्री स्टार होटल और राजकीय होटल पथिक निवास के अतिरिक्त दर्जन भर से अधिक स्टार फ्री होटल के अलावा 10-15 रेस्टोरेंट हैं। कोविड के प्रकोप का दौर शुरू होते ही सभी का व्यवसाय मंद पड़ने लगा तो मालिकान ने कर्मचारियों की छुट्टी कर दी। पर्यटक आने बंद हुए तो दो दर्जन की संख्या में कार्यरत गाइड बेरोजगार हो गए। दुकानदारों का व्यवसाय भी ठप पड़ गया। दुकानदार तो जैसे-तैसे गुजर कर रहे हैं, पर गाइड व होटल/ रेस्टोरेंट कर्मियों को वैकल्पिक रोजगार ढूंढना भारी पड़ रहा है।

गाइड वीरेंद्र मिश्र कहते हैं कि गाइडों की कमाई का सबसे बड़े श्रोत बौद्ध सर्किट में आने वाले विदेशी पर्यटक हैं। 18 माह से विदेशी पर्यटकों का आगमन बंद है। ऐसे में जीविका पर संकट गहरा गया है। हम घर बैठने को मजबूर हो गए हैं।

एक होटल के महाप्रबंधक पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि जब तक कोविड महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती तब तक पर्यटन क्षेत्र का पटरी पर आना संभव नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों के पास जीविका के लिए वैकल्पिक रोजगार ढूंढना मजबूरी है, कुछ दिन और ऐसे ही रहा तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

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